8 राज्यों में खुलेंगे टॉय मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, पीएम मोदी का ‘वोकल फॉर लोकल’ का सपना होगा पूरा

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वोकल फॉर लोकल

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देश के 8 राज्यों में टॉय मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स को मंजूरी दी है। इन कलस्टरों के जरिए देश के पारंपरिक खिलौन उद्योग को बढ़ावा दिया जाएगा। इनके निर्माम पर 2 हजार 300 करोड़ रुपए का लागत आएगी।

इन क्लस्टरों में लकड़ी, लाह, ताड़ के पत्ते, बांस और कपड़ों के खिलौने बनेंगे। वाणिज्य मंत्रालय के उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय मौजूदा योजनाओं और स्कीम ऑफ फंड फॉर रिजनरेशन ऑफ ट्रेडिशनल इंडस्ट्रीज (स्फूर्ति) के तहत टॉय क्लस्टर का विकास करेंगे।

इकोनॉमिक टाइम्स में छपी एक खबर के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा कि सरकार मौजूदा स्कीम के तहत टॉय क्लस्टर्स स्थापित करना चाहती है। एमएसएमआई मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार ने हाल में हुई एक बैठक में 8 नए टॉय क्लस्टर्स को मंजूरी दी है।

केंद्र सरकार की योजना के अनुसार, टॉय क्लस्टर सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में बनेंगे। मध्यप्रदेश में 3, राजस्थान में 2 टॉय क्लस्टर और कर्नाटक, उत्तरप्रदेश, तमिलनाडु में एक-एक टॉय क्लस्टर बनेंगे। MSME मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, सरकार इस दिशा में बहुत ही तेजी के साथ काम कर रही है।

सरकार द्वारा पहले से मौजूद क्लस्टर्स में कौशल विकास, कॉमन फैसिलिटी सेंटर्स, रीहाउसिंग फैसिलिटीज और मार्केटिंग जैसी सुविधाओं का निर्माण और लोकल उद्योग को ई-कॉमर्स असिस्टेंस जैसे प्रोत्साहन दिए जा रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, सरकार स्पूर्ति योजना के तहत देश में कुल 35 क्लस्टर बनाएगी।

चीन का दबदबा कम करना चाहती है सरकार

भारत में वर्ष 2019-20 के दौरान करीब 1.5 अरब मूल्य के खिलौनों का आयात हुआ था। घरेलू खिलौना बाजार में करीब 90% खिलौने चीन और ताईवान से आते हैं। लिहाजा, सरकार खिलौने निर्माण में आत्मनिर्भर बनकर चीन का वर्चस्व कम करना चाहती है।