नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं, विकास दर 10.5 प्रतिशत रहने का अनुमान

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नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ने महंगाई को लक्षित दायरे में आने का हवाला देते हुए कोरोना वायरस से प्रभावित अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करने का निर्णय लिया है।

समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्ति कांत दास ने शुक्रवार को बैठक में लिए गए निर्णय की जानकारी देते हुए कहा कि नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद पहली बार दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई आरबीआई के लक्षित दायरे छह प्रतिशत के नीचे आ गई है।

अर्थव्यवस्था को तीव्र गति देना उद्देश्य – आरबीआई गवर्नर

उन्होंने कहा कि कोरोना की कारण प्रभावित अर्थव्यवस्था को तीव्र विकास के पथ पर लाने के उद्देश्य से नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि रेपो दर चार प्रतिशत, रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत पर यथावत है। इसके साथ ही एमएसएफ 4.25 प्रतिशत और बैंक दर 4.25 प्रतिशत पर स्थिर है। ये दरें अब तक के रिकॉर्ड निचले स्तर पर हैं।

शशिकांत दास ने कहा कि समिति ने कोरोना के कारण सीआरआर में की गई कमी को 27 मार्च 2021 से चरणबद्ध तरीके से वृद्धि कर चार प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। अभी यह दर तीन प्रतिशत पर है। पिछले वर्ष 26 मार्च को सीआरआर को कम कर तीन प्रतिशत किया गया था। अब 27 मार्च 2021 को इसमें आधी फीसदी की बढ़ोतरी की जाएगी। इसके बाद मई 2021 में फिर से आधी फीसदी की बढ़ोतरी होगी और यह फिर से चार प्रतिशत पर पहुंच जाएगा।