नाराज कांग्रेस नेताओं ने ही खोली पार्टी की पोल, माना अब कांग्रेस एक कमजोर पार्टी

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राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस में संगठन चुनाव कराने और पार्टी का नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग को लेकर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले दिग्गज नेताओं का जमावड़ा एक बार फिर से जम्मू में हुआ। इसमें कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता सम्मलित हुए। हाल ही में राज्यसभा से रिटायर हो चुके कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने भी इसमें हिस्सा लिया।

शांति सम्मेलन के नाम से आयोजित कार्यक्रम में नेताओं मुखरता से पार्टी को लेकर अपनी बात रखी। कांग्रेस के सीनियर लीडर और अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने अपनी पार्टी की पोल खोलते हुए कहा, ‘यह सच्चाई है कि कांग्रेस लगातार कमजोर होती जा रही है। इसलिए हम लोग यहां जुटे हैं। हम इससे पहले भी इकट्ठा हुए थे और हमें कांग्रेस पार्टी को आगे ले जाना है।’

गुलाम नबी आजाद के रिटायरमेंट को लेकर कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘आजाद एक ऐसे नेता हैं, जो हर राज्य के हर जिले में कांग्रेस की हकीकत और उसकी ताकत के बारे में जानते हैं। हमें दुख हुआ, जब यह पता चला कि वह अब संसद में नजर नहीं आएंगे। हम नहीं चाहते थे कि वह संसद से जाएं।’

कपिल सिब्बल ने आगे कहा, ‘मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर कांग्रेस उनके अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही है। गुलाम नबी आजाद की असल में भूमिका क्या थी? एक व्यक्ति जो विमान उड़ाता है, वह अनुभवी व्यक्ति होता है। एक इंजीनियर उसके साथ होता है, जो इंजन या विमान के किसी हिस्से में गड़बड़ी आने पर उसे ठीक करता है। गुलाम नबी आजाद भी उसी इंजीनियर की तरह पार्टी के लिए काम करते रहे हैं।’

बैठक में कांग्रेस के सीनियर लीडर आनंद शर्मा भी मौजूद थे। उन्होंने कहा, ‘बीते एक दशक में कांग्रेस कमजोर हुई है। हम पार्टी की बेहतरी के लिए आवाज उठा रहे हैं। पार्टी को एक बार फिर से हर स्तर पर मजबूत किए जाने की जरूरत है। नई पीढ़ी को पार्टी से जोड़ने की जरूरत है। हमने कांग्रेस के अच्छे दिन भी देखे हैं। हम अपनी इस उम्र में कांग्रेस को कमजोर नहीं देखना चाहते।’

बता दें कि इससे पहले इन नाराज नेताओं ने पार्टी के कुछ नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठाया था। पत्र लिखकर सोनिया गांधी से नियमित अध्यक्ष और पार्टी की कार्यशैली में बदलाव की मांग की थी।