बाढ़ प्रभावितों को हर संभव सहयोग करेंगे, कोई कसर नहीं छोड़ेंगेः शिवराज

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शिवराज सिंह चौहान

भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार राज्य के बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद करेगी, ऐसा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार शाम को प्रदेश की जनता संबोधित करते हुए कहा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों भयंकर वर्षा के कारण उत्तरी मध्यप्रदेश के कई जिलों विशेषकर ग्वालियर-चंबल संभाग और विदिशा जैसे जिलों में बाढ़ ने तबाही मचा दी। बाढ़ प्रभावितों को हर संभव सहयोग करेंगे। उनकी मदद में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि भी साधारण नहीं थी। ऐसी वर्षा कभी देखी नहीं थी। अकेले श्योपुर जिले में 101 सेंटीमीटर बारिश हो गई। कभी भी इस समय तक 30 से.मी. से ज्यादा बारिश नहीं होती थी। ऐसा सैलाब इस सदी में देखा नहीं गया। गाँव के गाँव तबाह हो गए। सड़कें टूट गईं। बिजली के सब स्टेशन डूब गए। कुछ जगह तो पुल भी बह गए। ऐसी भयानक त्रासदी कभी नहीं देखी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा के आते ही मैं भी सक्रिय हो गया और प्रशासन भी सक्रिय था। मंत्री अपने क्षेत्रों में अपने प्रभार के जिलों में पहुँच गए। प्रधानमंत्री से मैंने कई बार बात की और प्रधानमंत्री जी ने भी फोन किए। हमारे आग्रह पर तत्काल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर भेजे गए। एयर फोर्स के 6 हेलीकॉप्टर, बीएसएफ के जवान, सेना के जवान, आर्मी, एनडीआरएफ की टीम भेज दी गई।

उन्होंने कहा कि मैंने बाढ़ ग्रस्त इलाकों के हालात भी जाकर देखे। नुकसान बहुत हो गया। लेकिन एक बात राहत की है कि हम लोगों की जिन्दगी बचाने में सफल हो गए। लगभग 8 हजार 900 लोग जो बाढ़ के पानी में अलग-अलग जगह फँस गए थे। एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर, सेना के जवानों ने और एसडीआरएफ के जवानों ने हमारे पुलिस के जवानों के साथ लोगों का रेस्क्यू किया और बीच पानी में डूबते हुए उन्हें बचाने में सफलता प्राप्त की। इस दौरान 32 हजार 900 लोग बाढ़ से निकालकर ऊंचे स्थानों पर पहुँचाए गए।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मेरी बहनों और भाइयो, निराश होने की जरूरत नहीं है, हम तत्काल राहत के काम में लग गए हैं। मैंने राहत के कार्यों के लिए 12 मंत्रियों की टास्कफोर्स बनाई है। सारे प्रमुख विभाग के अफसर उसमें सम्मिलित हैं। राहत के कामों, सहायता, पुनर्वास और पुनर्निमाण के काम के लिए मैं स्वयं, मंत्रियों की टीम और अधिकारी जुटेंगे।

हमने फैसला किया है कि तत्काल प्रत्येक बाढ़ पीड़ित परिवार को जो नियमित राशन मिलता है उसके अतिरिक्त 50 किलो राशन और दे दिया जाए। वो भी आप तक पहुँचा रहे हैं। जहाँ संभव होगा गेहूँ पिसवाकर आटा भेजने की कोशिश करेंगे ताकि तात्कालिक रूप से भोजन की व्यवस्था हो सके।