आईटी कानून ना मानना पड़ा ट्विटर को भारी, गाजियाबाद केस में पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

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केंद्र सरकार और ट्विटर विवाद

गाजियाबाद। गाजियाबाद में पुलिस ने ट्विटर इंडिया पर केस दर्ज किया है। इसके साथ-साथ पुलिस ने 2 कांग्रेस नेता, एक नामी वेबसाइट सहित नौ लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। मामला गाजियाबाद में एक बुजुर्ग के साथ मारपीट को सांप्रदायिक रंग देने से जुड़ा है।

आरोप है कि पुलिस द्वारा मामला पूरी तरह से स्पष्ट किए जाने के बावजूद ट्विटर ने गलत ट्वीट को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। पुलिस ने मामले में मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, शमा मोहम्मद, सबा नकवी, ट्विटर कम्यूनिकेशन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और ट्विटर INC के खिलाफ FIR दर्ज की है।

ट्विटर पर यह एफआईआर नए आईटी रूल्स को लागू न कर पाने की स्थिति में किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में अब ट्विटर ने कानूनी सुरक्षा का आधार गंवा दिया है। केंद्र सरकार के नए आईटी रूल्स के मुताबिक, 25 मई से लागू हुए आईटी नियमों को ट्विटर ने अबतक लागू नहीं किया है। यानि अब ट्विटर पर भी आईपीसी की धाराओं के तहत मामला दर्ज हो सकेगा।

ट्विटर पर एफआईआर

बता दें कि भारत में केंद्र सरकार सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को धारा 79 के तहत सुरक्षा प्रदान करती है। धारा 79 के अनुसार, किसी आपराधिक गतिविधि के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किए जाने पर कंपनी की जिम्मेदारी नहीं होती थी और किसी भी केस में कंपनी को पक्ष नहीं बनाया जा सकता था।

नए आईटी नियम के अनुसार, सरकार ने सोशल मीडिया कंपनी को एक महीने के अंदर मुख्य अनुपालन अधिकारी (CCO) की नियुक्ति करने के लिए कहा था। ट्विटर को छोड़ सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इसे लागू कर दिया है।

क्या था मामला

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के लोनी इलाके में अब्दुल समद नाम के एक बुजुर्ग के साथ मारपीट और अभद्रता किए जाने का वीडियो वायरल हुआ था। इस घटना को गलत तरीके से सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई थी। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर एक्शन लिया।

पुलिस के मुताबिक, मामले की सच्चाई कुछ और ही है। पीड़ित बुजुर्ग ने आरोपी को कुछ ताबीज दिए थे, जिनके परिणाम न मिलने पर नाराज आरोपी ने इस घटना को अंजाम दिया। लेकिन, ट्विटर ने इस वीडियो को मैन्युप्युलेटेड मीडिया का टैग नहीं दिया। पुलिस ने यह भी बताया कि पीड़ित ने अपनी FIR में जय श्री राम के नारे लगवाने और दाढ़ी काटने की बात दर्ज नहीं कराई है।