अब किसान ही खोल रहे हैं विपक्ष की पोल – पीएम मोदी

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कृषि कानूनों पर पीएम मोदी का बयान

नई दिल्ली। मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11वीं शताब्दी में बहराइच-श्रीवस्ती के योद्धा रहे महाराजा सुहेलदेव की 4.20 मीटर ऊंची प्रतिमा और स्मारक का शिलान्यास किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने देश के नायकों की वीरगाथा से अपनी बात शुरू की।

पीएम मोदी ने कहा कि भारत का इतिहास वो नहीं जो देश को गुलाम बनाने वालों और गुलामी की मानसिकता के साथ लिखने वालों ने लिखा। लेकिन आज भारत सुधर रहा है। उन्होंने कृषि कानूनों को लेकर कहा कि जमीन छिन जाने का झूठ फैलाया जा रहा है। लेकिन अब विपक्ष के भ्रम की पोल खुद किसान खोलने लगे हैं।

महाराजा सुहेलदेव की प्रतिमा का शिलान्यास करने के बाद उन्होंने कहा कि आज मुझे बहराइच में महाराजा सुहेलदेव जी के भव्य स्मारक के शिलान्यास का सौभाग्य मिला है। ये आधुनिक और भव्य स्मारक, ऐतिहासिक चित्तौरा झील का विकास, बहराइच पर महाराजा सुहेलदेव के आशीर्वाद को बढ़ाएगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।

उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ वो नहीं है, जो देश को गुलाम बनाने वालों, गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा, भारत का इतिहास वो भी है जो भारत के सामान्य जन में, भारत की लोकगाथाओं में रचा-बसा है। जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे, बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे जैसी चोड़ी सड़कें पूरे उत्तर प्रदेश में बनाई जा रही है। यूपी के रेल कनेक्टिविटी को भी आधुनिक बनाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यूपी में बनाया गया है। यूपी में उद्योग लगाने के लिए देश के निवेशक उत्साहित हैं। इससे राज्य में नए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जिस तरह से यूपी में काम हुआ, वह सराहनीय है।

कृषि कानूनों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनसंख्या बढ़ने के साथ खेती की जमीन छोटी होती जा रही है। आज किसान संगठित होकर FPO बना रहे हैं। आज किसान रेल के माध्यम से अपने उत्पाद बड़े बाजारों तक पहुंचा रहे हैं। जो नए कृषि सुधार किए गए हैं, उनका लाभ भी छोटे किसानों को सबसे अधिक होगा।

उन्होंने कहा कि ये नए कानून बनने के बाद जगह-जगह से किसानों के नए अनुभव सामने आ रहे हैं। लेकिन इन कानूनों के खिलाफ भांति-भांति प्रकार के भ्रम फैलाए जा रहे हैं। लेकिन अब राजनीति के लिए फैलाए गए झूठ व अप्रचार की पोल अब किसान खोल रहे हैं।