नहीं निकला कोई रास्ता, सरकार और किसानों के बीच 11वीं दौर की बातचीत खत्म

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सरकार और किसानों के बीच 11वीं दौर की बातचीत खत्म
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर

केंद्र सरकार और किसान संगठनों के नेताओं के बीच 11वें दौर की बैठक खत्म हो गई। यह बैठक भी बेनतीजा ही रही। किसान संगठन की मांग है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। इसको लेकर किसानों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है।

किसान नेताओं के साथ बैठक समाप्त होने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा कि इनसे बेहतर हम कुछ नहीं दे सकते। नए कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। हमने किसानों के सम्मान में प्रस्ताव दिया था। वो अभी तक कोई निर्णय नहीं कर सके हैं।

कृषि मंत्री ने मीडिया के माध्यम से किसानों से कहा, ‘आप अगर किसी निर्णय पर पहुंचते हैं तो हमें सूचित करें। इसपर फिर हम चर्चा करेंगे।’ हालांकि कृषि मंत्री ने बैठक की अगली तारीख बताने से इंकार कर दिया।

उधर किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। बातचीत के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने जो प्रस्ताव हमें दिया था, हमने उसे स्वीकार नहीं किया है। कृषि कानूनों को वापस लेने की बात सरकार ने स्वीकार नहीं की।

बैठक से पहले किसान नेता ने दिल्ली के विज्ञान भवन में हंगामा कर दिया। एक किसान ने हंगामे के दौरान अपनी ही गाड़ी का शीशा तोड़ दिया। शोर सुनकर बीकेयू अध्यक्ष राकेश टिकैत मौके पर पहुंचे और उन्होंने बीच बचाव कराया।

ट्रैक्टर परेड को लेकर रास्ता सरकार के पास – राकेश टिकैत

बैठक के बाद ट्रैक्टर मार्च पर पूछे जाने पर राकेश टिकैत ने कहा कि रास्ता सरकार के पास है। जब सरकार चाह लेगी, समस्या का हल निकल जाएगा। वार्ता से किसानों को कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमसे तो सरकार ने 26 जनवरी को लेकर कुछ भी नहीं कहा। बता दें कि किसान नेताओं ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकालने की बात कही है।