प्रधानमंत्री ने किया नए स्वरुप में जलियांवाला बाग का उद्घाटन, कहा- विरासत और विकास को साथ लेकर चलना होगा

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जलियांवाला बाग का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सौंदर्यीकरण के बाद नए स्वरूप में जलियांवाला बाग का वर्चुअल उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम ने शहीदों को नमन करते हुए कहा कि अंग्रेज हुकूमत ने जलियांवाला बाग में अमानवीयता की सारी हदें पार कर दी थी। यहां आज भी गोलियों के निशान दिखते हैं।

पीएम ने कहा कि जलियांवाला बाग वह स्थान है जहां सरदार उधम सिंह, सरदार भगत सिंह सहित हजारों बलिदानियों ने आजादी की लड़ाई लड़ने वालों को हौसला दिया। वर्तमान समय में विरासत व विकास को साथ लेकर चलना होगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरुबाणी हमें सिखाती है सुख दूसरों की सेवा से ही आता है। हम सुखी तभी होते हैं जब अपनों की पीड़ा को भी अनुभव करते हैं। आज दुनिया भर में कहीं भी कोई भी भारतीय अगर संकट में घिरता है तो भारत पूरे सामर्थ से उसकी मदद के लिए खड़ा हो जाता है।

अफगानिस्तान का वर्तमान संकट में हमने निरंतर अनुभव किया है। आपरेशन देवी शक्ति के तहत अफगानिस्तान से सैकड़ों भारतीयों को भारत लाया जा रहा है। वहां चुनौतियां बहुत हैं, हालात मुश्किल हैं। गुरु कृपा भी हम पर बनी हुई है। हम लोगों के साथ पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूप को भी शीश पर रखकर भारत लाए हैं।

पीएम ने कहा कि यहां तक पहुंचने के लिए हमारे पूर्वजों ने कितना त्याग कितना। हर राष्ट्र का दायित्व होता है वह अपने इतिहास को संजो कर रखे। इतिहास में हुई घटनाएं हमें सिखाती भी हैं और आगे बढ़ने की दिशा भी देती है। जलियांवाला बाग जैसी एक और विभीषिका का हमने भारत विभाजन के समय भी संताप भोगा।

विभाजन के समय जो कुछ हुआ उसकी पीड़ा आज भी हिंदुस्तान के सीने में है और विशेषकर पंजाब के परिवारों में हैं। हम इसे अनुभव करते हैं। किसी भी देश के लिए अपने अतीत की ऐसी विभीषिकाओं को नजरअंदाज करना सही नहीं है, इसलिए भारत में 14 अगस्त को हर वर्ष विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाएगा, ताकि आने वाली पीढ़ियों शहादत को याद रखें।

पीएम ने कहा कि आज हम आजादी के 75 साल मना रहे हैं तो यह आवश्यक है कि हम अपने राष्ट्र की बुनियाद को मजबूत करें। उस पर गर्व करें। आजादी का अमृत महोत्सव आज इसी संकल्प को लेकर आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पंजाब में तो शायद ही ऐसा कोई गांव ऐसी कोई गली है जहां शौर्य और शूरवीरता की गाथा न हो। गुरुओं के बताए रास्ते पर चलते हुए पंजाब के बेटे बेटियां मां भारती की तरफ टेढ़ी नजर रखने वालों के सामने चट्टान बनकर खड़े हो जाते हैं। हमारी यह धरोहर और समृद्ध हो इसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।

समारोह में पहुंचे जलियांवाला बाग के शहीद सरदार ठाकुर सिंह के पोते दलबीर सिंह, शहीद सुंदर सिंह के पोते हरप्रीत सिंह सहित अन्य शहीदों के स्वजन भी शामिल हैं। हरप्रीत सिंह ने कहा कि जलियांवाला बाग का रिनोवेशन बहुत ही सराहनीय है।

बता दें, जलियावाला बाग के द्वार 14 माह बाद खुले हैं। 20 करोड़ की लागत से जलियांवाला बाग का सौंदर्यीकरण किया गया है। उद्घाटन के बाद लाइट एंड साउंड कार्यक्रम हुआ। इससे जलियांवाला बाग जगमगा गया।