नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में बुलाया गया किसानों का चक्का जाम खत्म हो गया है। किसानों ने हॉर्न बजाकर चक्का जाम को खत्म किया। दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को छोड़कर अन्य जगहों पर किसानों ने चक्का जाम के दौरान राजमार्गों को बंद किया। फरीदाबाद में पलवल हाईवे को पूरी तरह से बंद कर दिया गया था।
किसानों द्वारा आहुत चक्का जाम को देखते हुए दिल्ली को हाई अलर्ट पर रखा गया था। दिल्ली एनसीआर में करीब 50,000 जवानों की तैनाती की गई थी। 26 जनवरी को लालकिले की घटना को देखते हुए यहां पर पुलिस का कड़ा पहरा था। लालकिले को छावनी में बदल दिया गया था।
सरकार को किसानों ने दी चेतावनी
किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि कितना ही लम्बा समय लगे, प्रदर्शन जारी रहेगा। अगर सरकार यह समझती है कि लंबे समय के चलते आंदोलन कमजोर होगा तो यह सरकार की भूल है।
चक्का जाम के दौरान मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आज चक्का जाम हर जगह शांतिपूर्ण ढंग से किया जा रहा है। अगर कोई भी अप्रिय घटना होती है तो दंड दिया जाएगा।
हरियाणा में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर ट्रैफिक जाम में फंसे यात्रियों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था की। यह देश के सबसे व्यस्त राजमार्गों में से एक है, यहां से प्रतिदिन लगभग 40,000 वाहन गुजरते हैं।
सबका साथ, सबका विकास ही संकल्प – नकबी
दूसरी तरफ कानपुर में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी ने कहा कि पिटे पॉलिटिकल प्राणियों और भारत बैशिंग ब्रिगेड के नापाक गिरोह पिछले 6 सालों से भारत की छवि खराब करने में लगे हुए हैं।
नकबी कानपुर में केंद्रीय बजट 2021-22 के संबंध में एक गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के सबका साथ सबका विकास के संकल्प ने हमेशा ऐसी क्रिमिनल कांस्पीरेसी के कैरेक्टर्स को बेनकाब किया।