कोरोना के इलाज में इन दवाओं की जरूरत नहीं, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किया दिशा-निर्देश

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कोरोना दवा पर निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना के इलाज के लिए जारी गाइडलाइंस में बड़े बदलाव किए हैं। नई गाइडलाइंस के तहत ivermectin, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और बुखार रोधी फैविपिराविर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। बड़ी संख्या में डॉक्टरों और मेडिकल रिसर्चर्स ने कहा था कि इन दवाओं के कोरोना मरीजों को लाभ पहुंचाने के कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। इसके बाद सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाले डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज ने 9 पेज की नई गाइडलाइंस में ivermectin और फैविपिराविर को शामिल नहीं किया है। बता दें कि पिछले दिनों कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। इस दौरान इन दवाओं को जमकर इस्तेमाल किया गया था। यहां तक इन दवाओं की कालाबाजारी भी हुई थी।

केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन से मुताबिक, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, जिंक, मल्टीविटामिन आदि दवाओं को उन मरीजों को देने से रोक दिया गया है जिन्हें कोरोना के लक्षण नहीं हैं।

दिशा-निर्देशों में डॉक्टरों को कहा गया है कि वे जरूरी न होने पर मरीज को सीटी स्कैन कराने की राय भी न दें। बिना लक्षण वाले कोरोना मामलों के लिए इस गाइडलाइन में कहा गया है कि इन्हें किसी दवा की आवश्यकता नहीं है। जबकि कोरोना के अलावा पहले से अन्य रोगों से ग्रस्त मरीजों के लिए दवाएं जारी रखी जानी चाहिए।

केंद्र सरकार ने हल्के मामलों में बुखार, सांस फूलने, ऑक्सीजन लेवल या किसी भी लक्षण पर खुद निगरानी रखने की सलाह दी है। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि लोग कोरोना के लक्षण दिखने पर एंटी-पायरेटिक और एंटी-ट्यूसिव ले सकते हैं, और खांसी के लिए 5 दिनों तक दिन में दो बार 800 एमसीजी की खुराक पर बुडेसोनाइड ले सकते हैं। इसके अलावा किसी अन्य दवा की जरूरत नहीं है।