केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया कंफर्म, ग्रामीण इलाकों में कोरोना जांच और आइसोलेशन की प्रयाप्त सुविधा

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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में कोरोना की जांच, आइसोलेशन एवं क्लीनिकल प्रबंधन सुविधाओं और पीपीई किट की कमी को लेकर लगाए गए आरोपों को गलत बताया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में एक बयान जारी किया।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि कुछ ट्वीट में यह भी कहा गया है कि पहाड़ों पर दूरदराज के गांवों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिट एंटीजन किट की उपलब्धता है और आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूने भी लिए जाते हैं। यह ग्रामीण और दूरदराज के इलाके में कोरोना के प्रबंधन में सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बताया कि सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करके और राज्यों के साथ सक्रिय सहयोग में केंद्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के माध्यम से ग्रामीण भारत में प्रभावी कोरोना प्रबंधन की दिशा में काम कर रही है।

मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्टें आई हैं जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त स्वास्थ्य सेवाओं में कमी दिखाई गई हैं। इन रिपोर्टों में सरकार पर सीधे तौर पर आरोप लगाया गया है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यापक नेटवर्क है। 31 मार्च 2020 तक ग्रामीण क्षेत्र में 1,55,404 उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी) और 24,918 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और देश भर में 5,895 शहरी पीएचसी हैं।