नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में पिछले साल झड़प हुई थी। झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। सभी बिहार रेजीमेंट के थे। अब एक रूसी समाचार एजेंसी ने दावा किया है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुए झड़प में चीन के कम से कम 45 सैनिक मारे गए थे।
बता दें कि अभी भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव है। इससे पहले रूसी समाचार एजेंसी टीएएसएस ने ही भारतीय और चीनी सैनिकों के पैंगोंग त्सो झील के पास से वापसी की बात कही थी।
बाद में सैनिकों की वापसी की खबर की पुष्टि चीनी रक्षा मंत्रालय ने भी की थी। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कमांडर स्तर की नौवें दौर की वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमति बनी थी।
वहीं आज (गुरुवार) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में एलएसी के हालात के बारे में बाताते हुए कहा कि फ्रिक्शन क्षेत्रों में डिसइंगेजमेंट के लिए भारत का यह मत है कि 2020 की फॉरवर्ड डिप्लॉयमेंट जो एक-दूसरे के बहुत नजदीक हैं वे दूर हो जाएं और दोनों सेनाएं वापस अपनी-अपनी स्थाई एवं मान्य चौकियों पर लौट जाएं।
राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने कहा कि सितंबर, 2020 से लगातार सैन्य और राजनयिक स्तर पर दोनों पक्षों में कई बार बातचीत हुई है कि इस डिसइंगेजमेंट का परस्पर स्वीकार्य करने का तरीका निकाला जाए। अभी तक वरिष्ठ कमांडर के स्तर पर 9 राउंड की बातचीत हो चुकी है।