केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने माइक्रोसेन्सर आधारित एक्स्प्लोसिव डिटेक्टर किया लॉन्च, बताया सुरक्षित भारत का सशक्त उदाहरण

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डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

नई दिल्ली। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए आईआईटी बॉम्बे इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप नैनोस्निफ द्वारा विकसित माइक्रोसेन्सर आधारित एक्स्प्लोसिव ट्रेस डिटेक्टर ’नैनोस्निफर’ को लॉन्च किया. नैनोस्निफ को आईआईटी दिल्ली के स्टार्टअप क्रिटिकल सॉल्यूशन्स के उपोत्पाद (बाई-प्रोडक्ट) विहंत टेक्नोलॉजीस द्वारा मार्केटेड किया गया है.

अनुसंधान, विकास एवं विनिर्माण के मामले में नैनोस्निफर 100 प्रतिशत भारत में निर्मित उत्पाद है. नैनोस्निफ की मुख्य तकनीक अमेरिका तथा यूरोप में पेटेंट द्वारा संरक्षित है. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “नैनोस्निफ टेक्नोलॅाजी द्वारा विकसित नैनोस्निफर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण की ओर एक कदम है.”

उन्होंने कहा, “यह किफायती उपकरण आयातित एक्सप्लोसिव ट्रेस डिटेक्टर उपकरणों पर हमारी निर्भरता को कम करेगा. यह अन्य संस्थानों, स्टार्टअप तथा मध्यम स्तर के उद्योगो को उत्पाद, अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रोत्साहित करेगा. यह बाजार उत्पाद के लिए प्रयोगशाला (लैब टू मार्केट प्रोडक्ट) का आदर्श उदाहरण है.”

केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ने कहा कि हमारे आईआईटी संस्थान कम लागत वाले पोर्टेबल विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर जैसे अविश्वसनीय नवाचारों को विकसित करने में सफल रहे हैं. मुझे बताया गया है कि नैनोस्निफ़र सैन्य, वाणिज्यिक और घर पर बने विस्फोटक खतरों की एक विस्तृत श्रृंखला का सटीक पता लगा सकता है. इस उत्पाद को हमारे आईआईटीयन्स के विस्तृत प्रयासों के बाद विकसित किया गया है.

उन्होंने कहा कि नैनोस्निफर पहला माइक्रोसेंसर आधारित विस्फोटक ट्रेस डिटेक्टर है, जो 10 सेकंड से भी कम समय में विस्फोटक सामग्री का पता लगा सकता है. इसकी मदद से न केवल हमारी पुलिस, सुरक्षा बल और सैन्य सुरक्षा को मजबूती मिलेगी अपितु नागरिक उड्डयन को भी एक नया सुरक्षा कवच मिलेगा. इस उत्पाद की मदद से विस्फोटक के छोटे-छोटे अंश को भी ढूंढा जा सकता है और उचित कार्यवाही की जा सकती है.

रमेश पोखरियाल ने कहा कि आईआईटी बॉम्बे इन्क्यूबेटेड स्टार्टअप द्वारा विकसित की गई यह तकनीक सैन्य रूप से आत्मनिर्भर और सुरक्षित भारत का सशक्त उदाहरण है. इस तरह की प्रौद्योगिकियां कोविड -19 के बाद की विश्व व्यवस्था में काफी कारगर साबित होंगी और आतंकवाद से निपटने में भारत की स्थिति को और बेहतर बनाएगी. आने वाला समय तकनीकी एवं इनोवेशन का है, इस बात पर जोर देते हुए डॉ निशंक ने कहा, “इसी प्रकार के शोध एवं इनोवेशन देश को न केवल समृद्धि देंगे साथ ही साथ आत्मनिर्भर भी बनाएंगे. माननीय प्रधानमंत्री जी के आवाहन पर देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में इस प्रशंसनीय पहल के लिए आपकी पूरी टीम बधाई के पात्र है.”

केंद्रीय मंत्री ने सभी संस्थानों से कहा कि जो भी नए प्रयोग किए जाएं उनको करते समय इज ऑफ बिजनेस, इज ऑफ लिविंग व इज ऑफ डिसीजन मेकिंग के साथ यह भी ध्यान रखा जाए कि किस प्रकार वो प्रयोग एवं ज्ञान इनके माध्यम से देश को मजबूती प्रदान करेगा. इसके अलावा डॉ निशंक ने आईआईटी संस्थानों खासकर आईआईटी बॉम्बे एवं आईआईटी दिल्ली की उपलब्धियों की प्रशंसा की एवं नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बात की.

इस अवसर पर उच्च शिक्षा सचिव श्री अमित खरे, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो वी रामगोपाल राव, आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रो शुभाशीष चौधरी, विहंत टेक्नोलॉजीस के सीईओ एवं नैनोस्निफर के सह-संस्थापक श्री कपिल बर्देज़ा, नैनोस्निफर के सीटीओ एवं सह-संस्थापक डॉ नितिन एस काले, विहंत टेक्नोलॉजीस के निदेशक सुदीप्ता मुख़र्जी एवं आईआईटी के सभी संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्रा उपस्थित थे.