कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी) का प्रतिनिधिमंडल दो दिवसीय दौरे पर बंगाल पहुंच गया है। प्रतिनिधियों ने बंगाल के पूर्व बर्दवान और 24 परगना जिलों में चुनाव बाद हिंसा से पीड़ित दलित परिवारों से मुलाकात की और पुलिस को आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष विजय सांपला प्रतिनिधिमंडल के साथ बंगाल के दौरे पर हैं। विजय सांपला पश्चिम बंगाल में पूर्व बर्दवान और 24 परगना जिलों का दौरा कर हिंसा पीड़ित लोगाें से मुलाकात की। आयोग ने बाद में कोलकाता के विश्राम गृह में हमले से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। सांपला ने कहा, “वहां, जिला आयुक्त और एसएसपी की उपस्थिति में 25 से अधिक शिकायतकर्ताओं की सुनवाई हुई, उन्हें एससी और एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के अनुसार कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था।”
विजय सांपला ने बताया, “हमने पूर्व बर्दवान जिले के नवग्राम गांव में प्रभावित परिवारों से बात की। बहुत से लोग शुरू में अपनी शिकायत दर्ज कराने से डरते थे।” सांपला ने कहा कि कई इलाकों में लोग डर के मारे अपने घर छोड़कर भाग गए हैं। उन्होंने बताया कि एनसीएससी की टीम यहां एक शिकायतकर्ता आशीष खेत्रपाल के घर गई और देखा कि वह घर बंद था। बाद में उन्हें बताया गया कि खेत्रपाल घायल हो गया है और उसका इलाज नर्सिंग होम में चल रहा है। उसका बयान दर्ज किया गया था। हमले में उसके परिवार के दो सदस्य मारे गए थे।
शिकायतकर्ताओं ने आयोग को बताया कि बर्दवान के मिलिकपारा गांव में अनुसूचित जाति की 12 दुकानों को चुनकर तोड़फोड़ की गई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस से मदद नहीं मिली। सांपला ने जिला आयुक्त को पीड़ितों को एससी/एसटी एक्ट के तहत मुआवजा देकर उनके पुनर्वास करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा आयोग के प्रतिनिधि दक्षिण 24 परगना के सिरीशा गांव में भी पहुंचे हुए हैं जहां पीड़ितों से मुलाकात की है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोरोना प्रकोप को देखते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के प्रतिनिधिमंडल को बंगाल का दौरान न करने को कहा था। हालांकि ममता बनर्जी की आपत्ति के बावजूद एससी आयोग बंगाल पहुंचा और पीड़ितों से मुलाकात की।