बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना को तख्तापलट का डर, लोगों से की अलर्ट रहने की अपील

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बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना को तख्तापलट का डर

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तख्तापलट का डर सता रहा है। उन्होंने बांग्लादेश की जनता से 1975 जैसे हत्याओं, साजिशों और तख्तापलट के प्रति सतर्क रहने का आवाहन किया है जो कि देश की प्रगति में वादा बन सकते हैं। उन्होंने यह बातें शेख रसेल के जन्मदिन के मौके पर कही।

बता दें कि शेख रसेल शेख मुजीबुर रहमान के सबसे छोटे बेटे थे जिसकी 10 साल की उम्र में हत्या कर दी गई थी। शेख हसीना ने कहा कि राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीब उर रहमान ने 1974 में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बनाया था। लेकिन यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके खुद के बच्चे हत्यारों के हाथों मारे गए। हत्यारों ने 15 अगस्त 1975 को रसेल के मां, पिता, भाई और चाचा की हत्या कर दी थी क्योंकि वह अपनी मां के पास जाना चाहते थे।

प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा कि बच्चों को क्यों मारा गया? उनका क्या अपराध था? क्या देश को आजादी दिलाना अपराध था? हसीना ने कहा है कि हमारी सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि भविष्य में ऐसी घटना फिर कभी ना हो। उन्होंने कहा है कि हम हर बच्चे को बेहतर जीवन दे सकें इसके लिए काम कर रहे हैं। उन्होंने बच्चों से पढ़ाई पर विशेष फोकस करने की अपील की है।

अक्टूबर 2001 के आम चुनावों की तबाही को याद करते हुए शेख हसीना ने कहा कि बीएनपी जमात गठबंधन ने 1971 में मुक्ति संग्राम के दौरान पाकिस्तानी कब्जे वाले फौज की तरह नरसंहार किया था। उन्होंने आवामी लीग के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को मार डाला था। उन्होंने बच्चों तक को नहीं बख्शा था।