रालोसपा का JDU में विलय, उपेंद्र कुशवाहा को मिली बड़ी जिम्मेदारी

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उपेंद्र कुशवाहा

पटना। पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की पार्टी राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जेडीयू में विलय हो गया। इस अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री को जेडीयू राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की। बता दें कि कुशवाहा करीब 9 साल बाद जेडीयू में लौटे हैं।

हालांकि इस मौके पर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी सिंह मौजूद नहीं थे। नीतीश कुमार ने मंच से ही घोषणा की कि आज से और अभी से उपेन्द्र कुशवाहा जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष होंगे। यह पद आज ही उपेन्द्र कुशवाहा के लिए सृजित किया गया है।

जेडीयू में शामिल होने के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि जेडीयू को खड़ा करने में मैंने भी अपनी पूरी ताकत झोंकी थी, आज फिर से मैं अपने उसी घर में आया हूं। लोग पूछते हैं कि मैं किस शर्त पर आया हूं। मैंने साफ कर दिया है कि मैंने कोई शर्त नहीं रखी है, मुझे जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मैं उसे निभाऊंगा।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को मजबूत करना है और सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने देना है। इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने भी उपेन्द्र कुशवाहा की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि इसके लिए पिछले बहुत दिनों से बातचीत चल रही थी।

नीतीश कुमार ने कहा कि सबसे पहले सबकी सहमति बनी, ये विलय कोई मामूली बात नहीं बड़ी बात है। हम पहले भी एक थे और अब भी एक हैं, अब मिलकर देश के लिए काम करेंगे।

2017 में एनडीए से हुए अलग

जुलाई 2017 में जेडीयू की राजग में वापसी ने समीकरणों को बदल दिया और रालोसपा इस गठबंधन ने नाता तोड़कर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीटों से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। अब फिर से उपेंद्र कुशवाहा जदयू का हिस्सा बन गए हैं।