तालिबान से कैसे निपटेगा भारत, कैसे रहेंगे रिश्ते, जानें क्या कहा विदेश मंत्री ने

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तालिबान पर विदेश मंत्री बयान

अफगानिस्तान में तालिबान की भावी सरकार को लेकर भारत सहित दुनिया के देश गहन चितन में हैं। सभी अपने तरीके से तालिबान की मौजूदगी को लेकर विचार कर रहा है। इसको लेकर भारत सरकार भी अपने तरीके से चिंतन कर रही है। भारत ने पहले ही कहा है कि उन्हें तालिबान की कथनी और करनी पर कोई विश्वास नहीं है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ताजा बयान में कहा है कि भारत अफगानिस्‍तान पर पूरी नजर रखे हुए है। फिलहाल भारत का ध्‍यान अफगानिस्‍तान में मौजूद अपने नागरिकों की सुरक्षा और उनकी सुरक्षित निकासी पर है। उन्‍होंने कहा कि वहां पर संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन के काम में भी परेशानी आ रही है।

विदेश मंत्री की तरफ से कहा गया है कि अंतरराष्‍ट्रीय मंच से अफगानिस्‍तान के मुद्दे पर उन्‍होंने काफी बातचीत की है। इस संबंध में उन्‍होंने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस से भी बात की है।

जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शांति रक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से कहा, ‘अफगानिस्तान की स्थिति यहां मेरी वार्ताओं के केंद्र में है, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर रहा हूं।’

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस वक्त हम दूसरों की तरह ही अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं। हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर है।’