महिलाओं का सम्मान करता है कोर्ट, कभी नहीं दिया रेप पीड़िता से शादी का आदेश – सीजेआई

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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली। रेप के आरोपी को पीड़िता से शादी करने के लिए कहने की बात पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि कोर्ट महिलाओं का सम्मान करता है। कोर्ट ने कभी नहीं दिया रेप पीड़िता से आरोपी को शादी का आदेश। सीजेआई ने कहा कि मामले की गलत रिपोर्टिंग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने सोमवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमेशा से महिलाओं का सम्मान करता रहा है। 26 सप्ताह की प्रेगनेंट 14 साल की रेप पीड़िता की ओर से गर्भपात की अपील वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेआई ने यह टिप्पणी की।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘एक संस्थान और इस कोर्ट में बेंच के तौर पर शीर्ष अदालत महिलाओं का सम्मान करती है। बोबड़े ने कहा- इस कोर्ट ने हमेशा महिलाओं को बड़ा सम्मान दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘हमने कभी किसी आरोपी से पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा है। हमने कहा था, ‘क्या तुम उससे शादी करने जा रहे हो? इस मामले में हमने जो कहा था, उसकी पूरी तरह से गलत रिपोर्टिंग की गई थी।’

बता दें कि बीते सप्ताह खबर आई थी कि चीफ़ जस्टिस शरद अरविंद बोबडे़ की अगुवाई वाली सर्वोच्च न्यायालय की तीन जजों की बेंच ने एक रेप आरोपी से पूछा, “अगर आप (पीड़िता से) शादी करना चाहते हैं, तो हम आपकी मदद कर सकते हैं। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो आपकी नौकरी चली जाएगी, आप जेल जाएंगे। आपने लड़की के साथ छेड़खानी की, उसके साथ बलात्कार किया है।”

चीफ जस्टिस बोबड़े महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिक प्रोडक्शन कंपनी (एमएसइपीसी) में बतौर टेक्नीशियन कार्यरत अभियुक्त मोहित सुभाष चव्हाण की जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे थे। अभियुक्त पर 14 साल की स्कूली छात्रा ने बलात्कार का आरोप लगाया गया है। फिलहाल अदालत ने शादी के झूठे वादे पर लड़की से बलात्कार करने के आरोपी को गिरफ्तारी से चार हफ्ते की अंतरिम राहत दे दी है।