भड़काऊ भाषण: अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोग हिरासत में, दिल्ली पुलिस कर रही पूछताछ

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अश्विनी उपाध्याय

देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर भारत छोड़ो आंदोलन (Quit India Movement) की सालगिरह पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम को लेकर आरोप लगाया गया है कि विवादित नारेबाजी की गई और भड़काऊ भाषण दिए गए।

मामले में कार्यक्रम के आयोजक अश्विनी उपाध्याय समेत 6 लोगों को दिल्ली पुलिस कस्टडी में लेकर पछताछ कर रही है। जानकारी के मुताबिक, इन सभी से चाणक्यपुरी थाने में पूछताछ की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, समुदाय विशेष विरोधी भाषण मामले में अश्विनी उपाध्याय के अलावा जिन 5 अन्‍य लोगों को हिरासत में लिया गया है उनमें दीपक सिंह, विनोद शर्मा, दीपक, विनीत क्रांति और प्रीत सिंह शामिल हैं।

मामले में अश्विनी उपाध्याय रात 3 बजे के करीब कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन पहुंचे। उन्होंने कहा है कि नारे लगाने वालों को नहीं जानता हूं। वीडियो की जांच की जाए और सही पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

इस तरह के मामले बर्दाश्त नहीं

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि घटना में शामिल अश्विनी उपाध्याय और अन्य को गिरफ्तार किया जाएगा। दिल्ली पुलिस कह रही है कि किसी भी तरह के सांप्रदायिक विद्वेष को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अश्विनी उपाध्याय की सफाई

मामले में अश्विनी उपाध्याय ने पुलिस कमिश्नर को एक पत्र लिखकर सफाई दी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि 15 अगस्त की तरह 8 अगस्त भी एक ऐतिहासिक दिन है। 8 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन शुरू किया गया था। इस ऐतिहासिक दिवस की वर्षगांठ मनाने के लिए ही 8 अगस्त को जंतर-मंतर पर सेव इंडिया फाउंडेशन द्वारा एक छोटा सा कार्यक्रम आयोजित किया गया था।

उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि 15 अगस्त की तरह ऐतिहासिक भारत छोड़ो आंदोलन को याद करने के लिए आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में सरकार से मांग की गई कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ (15 अगस्त 2022) से पहले सभी अंग्रेजी कानून खत्म कर नया कानून बनाया जाए।

पत्र में अश्चिनी उपाध्याय ने आगे लिखा, ‘सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर, फेसबुक और वाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं, जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूं, न तो इनमें से किसी से मिला हूं और न तो इन्हें बुलाया गया था।