चन्नी के खेला ब्राह्मण कार्ड, बोले- संस्कृत सीखेंगे और महाभारत पर पीएचडी भी करेंगे

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चरणजीत चन्नी का ब्राह्मण कार्ड

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि वह संस्कृत सीखेंगे और महाभारत पर पीएचडी करेंगे। उन्होंने हाल ही में हिंदू ग्रंथों रामायण, महाभारत और भगवद गीता पर एक शोध केंद्र स्थापित करने की भी घोषणा की है।

भगवान परशुराम तपोस्थल की आधारशिला रखने के मौके पर एक सभा को संबोधित करते हुए चन्नी ने शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल की तुलना महाभारत के धृतराष्ट्र से की। चन्नी ने कहा कि उनके बेटे के लिए पुत्र मोह ने उनकी पार्टी को बर्बाद कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसंधान केंद्र तीन हिंदू ग्रंथों के संदेश को प्रदर्शित करेगा।

उन्होंने कहा कि युगों से ये ग्रंथ पूरी मानवता के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं और अनुसंधान केंद्र इनके संदेश को सरलतम रूप में जनता तक पहुंचाने के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा। चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए एक सम्मानित शंकराचार्य को शामिल करने का प्रयास कर रही है।

ब्राह्मण समुदाय के साथ भावनात्मक जुड़ाव की बात करते हुए चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि उनके साथ उनके मजबूत संबंध हैं। चन्नी ने कहा कि वह संस्कृत भाषा सीखेंगे और फिर महाभारत पर पीएचडी करेंगे। उन्होंने कहा, “मुझे अपने जीवन को सार्थक और धर्मी बनाने के लिए हर दिन भगवद गीता का एक श्लोक सीखने के लिए एक बहुत बुद्धिमान और विद्वान व्यक्ति ने कहा था। गीता उपदेश अद्वितीय है। मेरी वर्तमान पीएचडी तीन महीने में पूरी हो जाएगी। फिर मैं संस्कृत सीखना शुरू कर दूंगा और महाभारत पर पीएचडी करूंगा।”

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य में आवारा पशुओं की उचित देखभाल सुनिश्चित करने के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड को यह कार्य सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के उचित रख-रखाव के लिए बोर्ड को राशि उपलब्ध कराई जाएगी। प्रमुख सामाजिक समस्याओं में से एक को हल करना समय की मांग है।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भगवान परशुराम के “तपोस्थल” को एक अत्याधुनिक वास्तुशिल्प चमत्कार के रूप में विकसित करेगी। 10 करोड़ का चेक पहले ही जिला प्रशासन को सौंपा जा चुका है और जब भी जरूरत होगी और अधिक धनराशि भेजी जाएगी।