नई दिल्ली। दिल्ली में एक सप्ताह का लॉकडाउन की घोषणा होते ही देश के अलग-अलग राज्यों खासकर उत्तर और पूर्वी राज्यों के मजदूर अपने-अपने घरों को लौटने लगे हैं। इसके देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से वापस न जाने की अपील की थी। हालांकि उनकी अपील का कोई असर नहीं देखा जा रहा है। रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर काफी भीड़ देखी जा रही है।
दिल्ली में एक हफ्ते का लॉकडाउन लगते ही प्रवासी मजदूर बोरिया-बिस्तर समेट कर घर को निकल पड़े हैं। उन्हें 26 अप्रैल के बाद भी लॉकडाउन आगे बढ़ने का डर है। देखते ही देखते आनंद विहार रेलवे और बस अड्डे पर हजारों की संख्या में मजदूर और उनके परिवार वाले इकट्ठा हो गए हैं।
कोरोना की सुनामी से दिल्ली में हालात बेकाबू हैं क्योंकि यहां हर रोज कोरोना के नये मामलों का रिकॉर्ड बन रहा है। इसी के मद्देनजर दिल्ली के उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच हुई बैठक के बाद सोमवार रात 10 बजे से 26 अप्रैल की सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगा दिया गया है।
सरकार के इस फैसले के बाद प्रवासी मजदूरों में हड़कंप मचा हुआ है। वे अपना बोरिया-बिस्तर समेट कर घर को निकल पड़े हैं। वे सभी इस डर के मारे की कहीं लॉकडाउन की मियाद और न बढ़ जाए, इससे पहले ही वे अपने घर गांव जाना चाहते हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रवासियों से अपील की है कि वे जहां भी हैं, वहीं रहें और पलायन न करें। इसके बावजूद मजदूरों को डर है कि कहीं वे कोरोना से पहले भूख के मारे ही न शरीर छोड़ दें। लॉकडाउन के ऐलान के बाद आनंद विहार, कौशांबी बस अड्डे से यूपी और बिहार के दूर-दराज शहरों के लोग पलायन करने लगे हैं।