नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव के वोटों की गिनती को टालने के इंकार कर दिया है। कोर्ट ने मतगणना केंद्र के बाहर कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आश्वासन के बाद कोविड प्रोटॉकॉल के तहत मतगणना की इजाजत दी।
दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मतगणना के दौरान या मतों की गिनती के बाद किसी प्रकार की विजय रैलियों की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। मतदान केंद्रों पर एंट्री से पहले अधिकारियों, प्रत्याशियों और एजेंटों को ‘नेगेटिव’ कोविड-19 रिपोर्ट पेश करनी होगी।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चार चरणों में पंचायत चुनाव की वोटिंग हुई थी। राज्य में चारों चरणों में ग्राम पंचायत प्रधान के 58194, ग्राम पंचायत सदस्य के 731813, क्षेत्र पंचायत सदस्य के 75808 और जिला पंचायत सदस्य के 3051 पदों के लिए मत डाले गए हैं।
उम्मीदवारों को हिदायत
उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव के मतों की गिनती रविवार को शुरू होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवारों और अभिकर्ताओं को स्पष्ट हिदायत दी है। राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतगणना केंद्रों में उन्हें ही प्रवेश मिलेगा जिनकी कोविड-19 की रिपोर्ट निगेटिव होगी।
दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव की मतगणना शुरू होने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ ने मतगणना के बहिष्कार की घोषणा की है। शिक्षक महासंघ ने कहा है कि चुनाव संबंधी प्रशिक्षण और मतदान के दौरान महामारी से बचाव के लिए निर्वाचन आयोग की विफलता और अपनी सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया है।