उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने विकास का हाइवे गांव-गांव पहुंचा दिया है। पीडब्ल्यूडी के जरिये राज्य सरकार ने चार साल में ग्रामीण इलाकों में सबसे बड़ी रोड कनेक्टिविटी तैयार कर दी। प्रदेश के गांवों में सरकार ने सड़कों का जाल बिछा दिया है जिससे इलाकों की सूरत बदल गई है।
कुछ साल पहले तक पगडंडियों के सहारे सफर तय करने वाले गांव अब सबसे बड़े सड़क नेटवर्क के जरिये विकास का फर्राटा भर रहे हैं। यह बातें गुरुवार को राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कही।
प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लगभग 14 हजार 935 किमी लंबे सड़क नेटवर्क का विस्तार किया जा चुका है। 7 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों के दोनों ओर 5 किमी की परिधि के 250 से अधिक आबादी की 2275 बसावटों को सीधे सड़क नेटवर्क से जोड़ा गया है।
उन्होंने बताया कि 2001 की जनगणना के मुताबिक 250 से अधिक आबादी वाले 1557 राजस्व गांवों को सम्पर्क मार्ग से जोड़ने के लिए पीडब्यलूडी ने 1.114 करोड़ की लागत से 1763 किमी मार्ग का निर्माण किया। कुल 1543 राजस्व गांवों को 1739.30 किमी मार्ग निर्माण कर जोड़ा जा चुका है।
इसी तरह 2011 की जनगणना के अनुसार, 250 से अधिक आबादी वाले 297 गांवों के लिए 183.87 करोड़ की लागत से मार्ग निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे 163 राजस्व गांवों को 184.34 किमी मार्ग का निर्माण कर सड़क नेटवर्क से कनेक्ट किया जा चुका है।
वहीं, 7 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों के दोनों ओर 5 किमी की परिधि के 250 से अधिक आबादी की 2275 बसावटों को सड़क नेटवर्क से जोड़ने का काम आखिरी चरण में है। उन्होंने बताया कि 1407 करोड़ की लागत से अब तक 1674 बसावटों को 2121.57 किमी मार्ग निर्माण कर सम्पर्क मार्ग से जोड़ दिया गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के तहत 33 राजस्व गांवों के लिए 14.35 करोड़ की लागत से 29 किमी सड़क निर्माण लगभग पूरा कर लिया गया है। इसी योजना के तहत 156 मजरों को सड़क नेटवर्क से सीधे जोड़ने के लिए 102.48 करोड़ की लागत से 178 किमी लंबे संपर्क मार्ग का निर्माण लगभग पूरा हो गया है।