सीएम पद से वंचित रहने के बाद अंबिका सोनी पर फूटा सुनील जाखड़ का गुस्सा, जानिए क्या कहा

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कांग्रेस के पूर्व पंजाब प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ का कांग्रेस नेता अंबिका सोनी पर गुस्सा फूटा है। सुनील जाखड़ ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने अंबिका सोनी का नाम लिए बगैर कहा कि जाति में बांटने वाले लोगों ने पंजाब को बदनाम किया है।

सुनील जाखड़ ने कहा कि ऐसे लोगों को इसके लिए माफी मांगने चाहिए। जाखड़ ने यह भी कहा कि कांग्रेस की विचारधारा धर्मनिरपेक्षता की है जब कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया तब वह लोग क्यों नहीं बोले। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने डॉ मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री बनाया था। तब तो सवाल यह नहीं उठा था।

बता दें कि सुनील जाखड़ का नाम पंजाब के मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे प्रबल दावेदारों में से एक था। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सबसे पहला नाम मुख्यमंत्री पद के लिए सुनील जाखड़ का ही लिया जा रहा था। लेकिन बाद में बीते रविवार को हुए विधायक दल की बैठक में चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्यमंत्री के प्रबल दावेदारों की बात चल रही थी तो कांग्रेस पार्टी के प्रभारी हरीश रावत और पर्यवेक्षक अजय माकन और हरीश चौधरी ने कांग्रेस के विधायकों से फीडबैक लिया था। फीडबैक में जाखड़ के पक्ष में 40 विधायकों ने समर्थन किया था, लेकिन अंबिका सोनी ने राहुल गांधी से मिलकर कहा कि पंजाब में किसी पगड़ीधारी को ही मुख्यमंत्री होना चाहिए।

ऐसा माना जा रहा है कि अंबिका सोनी के हस्तक्षेप के बाद और इस तरह के बयान के बाद ही जाखड़ का पत्ता कट गया। बता दें कि अंबिका सोनी गांधी परिवार की सबसे करीबी नेताओं में मानी जाती है।

मुख्यमंत्री पद से वंचित रहने के बाद जाखड़ ने कहा, पंजाब की धरती और कांग्रेस के नेताओं द्वारा इस तरह की बात करना शोभा नहीं देता है। अगर आर एस एस वाले यह बात कहे तो समझ में आता है, लेकिन पंजाब कांग्रेस के नेता इस तरह की बात करें तो यह पंजाब को बदनाम करने जैसा है। गुरु तेग बहादुर जी को हिंद की चादर कहा जाता है। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए शहादत दी थी।