सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद पर सावरकर के विचार आज भी प्रासंगिक : उपराष्ट्रपति

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विनायक दामोदर सावरकर

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को स्वतंत्रता सेनानी और प्रखर हिन्दू विचारक विनायक दामोदर सावरकर को उनकी 138वीं जयंती पर य़ाद करते हुए कहा कि सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद पर सावरकर के विचार और कृतित्व आज भी प्रासंगिक हैं।

उपराष्ट्रपति वेंकैया ने ट्वीट कर कहा, “प्रखर राष्ट्रवादी क्रांतिकारी विचारक, समाज सुधारक, लेखक स्वातंत्र्य वीर सावरकर की जयंती पर देश के लिए उनके तप और त्याग को सादर नमन। समाज की एकता के लिए जातिवाद-अस्पृश्यता के खिलाफ उनके विरोध को नमन। सामाजिक समरसता और राष्ट्रवाद पर सावरकर के विचार और कृतित्व आज भी प्रासंगिक हैं।”

विनायक दामोदर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को मुंबई में नासिक के भगूर गांव में हुआ था। लेखक, वकील और हिंदुत्व विचारधारा के समर्थक सावरकर को 1937 में हिन्दू महासभा का अध्यक्ष चुना गया था। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अंग्रेजों ने सावरकर को कालापानी की सजा दी थी।