इमरान सरकार के लिए खतरे की घंटी, अप्रैल 2022 तक शर्तें नहीं पूरी की तो होंगे ब्लैक लिस्ट

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पाकिस्तान पर ब्लैक लिस्ट होने का खतरा

पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्‍ट से निकलने को बेचैन पाकिस्‍तान को अभी और इंतजार करना होगा।

माना जा रहा है कि पाकिस्तान इस लिस्ट में अगले वर्ष अप्रैल तक रह सकता है। बता दें कि मंगलवार को शुरु हुई एफएटीएफ की बैठक गुरुवार तक जारी रहेगी। इस बैठक पर भारत की भी नजर है। आखिर क्‍या है ग्रे लिस्‍ट। पाकिस्‍तान इस लिस्‍ट से बाहर आने को क्‍यों है बेचैन। ग्रे लिस्‍ट में रहने से पाक को क्‍या है नुकसान। आइए जानते हैं।

बताया जा रहा है कि एफएटीएफ की अगली बैठक 2022 के अप्रैल में होगी। इसका मतलब है कि पाकिस्तान को अभी 2022, अप्रैल तक का इंतजार करना पड़ेगा। हालंकि पाकिस्तान के लिए राहत की बात यह है कि वह अभी ब्लैक लिस्ट में शामिल नहीं है।

पाकिस्तान के पास अभी मौका है कि वह अपने यहां पर आतंकियों पर ठोस कार्रवाई करे। अगर पाकिस्तान ऐसा नहीं कर पाता है तो अप्रैल 2022 में होने वाली बैठक में पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में जाना पड़ सकता है। यदि पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में शामिल हो जाता है तो यह पाकिस्तान के लिए किसी बड़े संकट से कम नहीं होगा।

एफएटीएफ ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में शामिल किया था। पाकिस्‍तान को एक एक्शन प्लान पर अमल के लिए कहा गया था। इस एक्‍शन प्‍लान में पाकिस्तान 28 में से 26 शर्तें पूरी कर चुका है, लेकिन बकाया दो शर्तें वह पूरा नहीं कर सका है।

इन्हीं दो शर्तों के कारण पाकिस्तान को आइएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और यूरोपियन यूनियन से किसी तरह का कर्ज नहीं मिल पा रहा है। इमरान सरकार चीन, तुर्की और मलेशिया की मदद से इस ग्रे लिस्ट से बाहर आना चाहती है, लेकिन भारत, अमेरिका और फ्रांस के आगे इन देशों की चलती नहीं है।