तालिबान का नया फरमान – महिलाओं को मंत्री नहीं बना सकते, उनका काम सिर्फ बच्चे पैदा करना

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तालिबान में महिलाओं का प्रदर्शन

अफगानिस्तान में अपने अधिकारों और नई सरकार में अपनी भागीदारी के लिए महिलाओं का प्रदर्शन तेज हो गया है। कई जगहों पर यह प्रदर्शन हिंसक भी हुआ, ऐसी खबरें पिछले दिनों आई थी। महिलाओं का प्रदर्शन अब काबुल से भी आगे बढ़कर बदख्शां तक पहुंच गया है। यहां पर भी महिलाएं सड़क पर उतरने लगी हैं।

इस बीच तालिबान ने महिलाओं को लेकर बेतुका दिया है। तालिबानी प्रवक्ता सैयद जकीरूल्लाह हाशमी ने कहा- एक महिला मंत्री नहीं बन सकती है। किसी महिला का मंत्री बनना ऐसा है, जैसे उसके गले में कोई चीज रख देना, जिसे वो नहीं उठा सकती है।

हाशमी ने कहा कि महिलाओं के लिए कैबिनेट में होना जरूरी नहीं है। उन्हें बच्चे पैदा करना चाहिए। उनका यही काम है। महिला प्रदर्शनकारी अफगानिस्तान की सभी महिलाओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही हैं।

बता दें कि इससे पहले गुरुवार को तालिबान ने पंजशीर की राजधानी बाजारख में उत्पात मचाया। यहां पर तालिबान ने अफगानिस्तान के हीरो अहमद शाह मसूद के मकबरे में तोड़फोड़ कर दी। बता दें गुरुवार को ही मसूद की 20वीं बरसी थी।

पत्रकारों को पीटा

तालिबान ने महिलाओं के प्रदर्शन को कवर करने गए दो पत्रकारों को कोड़े से पीटा। उनके पीठ पर निशान इस बात को जाहिर करते हैं। लड़ाकों ने कैमरा छीनने को भी कोशिश की। बाद में दोनों को थाने में ले जाकर पीटा गया।

भारत ने कहा- वादे निभाए तालिबान

अफगानिस्तान के हालात पर चिंता जताते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि अफगानिस्तान की हालत अभी भी नाजुक बने हुए हैं। भारत ने कहा कि अफगानिस्तान में वो एक ऐसी व्यवस्था की अपील करता है जिसमें सभी वर्ग शामिल हो। भारत ने कहा कि तालिबान ने आतंक के खिलाफ जो वादे किए हैं, उनका पालन करे।