प्रधानमंत्री मोदी ने तूफान ‘तौकते’ से बचाव एवं राहत उपायों की समीक्षा की

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ से बचाव एवं राहत उपायों की तैयारियों की समीक्षा के लिए संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने प्रभावित लोगों की शीघ्र निकासी और आवश्यक सेवाओं के निर्बाध जारी रहने और नुकसान होने पर शीघ्र बहाली के निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री ने विशेष तौर पर बैठक में इस बात पर जोर दिया कि प्रभावित राज्यों में कोविड प्रबंधन प्रभावित न हो। संक्रमण न फैले और उपचार की दृष्टि से स्वास्थ्य सुविधायें भी निर्बाध जारी रहें। जामनगर सहित प्रभावित तटीय क्षेत्रों में ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित न हो।

इसके अलावा उन्होंने 24 घंटे सातों दिन कंट्रोल रूम संचालित रखने और स्थानीय नागरिक समाज का सहयोग लेकर सजगता और बचाव कार्य संचालित करने को भी कहा।

अरब सागर में बने कम दवाब के क्षेत्र के चलते बने चक्रवाती तूफान ‘तौकते’ धीरे-धीरे गुजरात उत्तर और उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और इसके 18 मई को गुजरात के तट से टकराने की आशंका है। केन्द्र सरकार ने इन राज्यों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 100 टीमें तैनात करने का फैसला किया है। राज्यों को परामर्श जारी किए हैं और संभावित नुकसान के प्रति आगाह कर जान-माल की सुरक्षा के लिए सतर्क किया है।

प्रधानमंत्री को बैठक में बताया गया कि कैबिनेट सचिव लगातार संबंधित राज्यों और मंत्रालयों के साथ संपर्क बनाए रखेंगे। वहीं गृह मंत्रालय लगातार पूरी स्थिति पर नजर बनाए रखेगा। यह भी जानकारी दी गई कि राज्यों को मदद के लिए राज्य आपदा राहत कोष से प्रथम इंस्टालमेंट भेज दी गई है।

इसके अलावा विभिन्न मंत्रालयों और नौसेना व वायुसेना की ओर से किए जा रहे प्रयासों की भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि एनडीआरएफ ने 42 टीमें तैनात कर दी हैं और कुछ को स्टेंड बाय पर रखा है। कोस्ट गार्ड, नेवी के हेलीकॉप्टर से बचाव एवं राहत कार्य किए जा रहे हैं। वायुसेना के विशेष कार्य बल की यूनिट को स्टेंड बाय पर रखा है। इसके अलावा मानवीय सहायता के साथ सात जहाज पश्चिम तट पर तैनात हैं। आपदा राहत दल (डीआरटी) और चिकित्सा दल (एमटी) त्रिवेंद्रम, कन्नूर और पश्चिमी तट के साथ अन्य स्थानों पर स्टैंडबाय हैं।

बिजली और टेलीकॉम मंत्रालय सेवाओं के निर्बाध जारी रखने और नुकसान की स्थिति में बहाली के लिए पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य मंत्रालय परामर्श दे रहा है और उन्होंने आपातकालीन दवाओं के साथ 10 त्वरित प्रतिक्रिया चिकित्सा दल और 5 सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया दल भी तैयार रखे हैं।

तूफान वर्तमान में लक्षद्वीप और केरल तट के नजदीक है और यह धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है। तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा उससे पूर्वी तटों के नजदीकी राज्यों केरल, कनार्टक, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात में तेज हवायें चलने और मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। तूफान के चलते तमिलनाडु में आज और पश्चिम राजस्थान में 18 और 19 मई को बारिश हो सकती है। तूफान 18 मई को गुजरात के पोरबंदर के आस-पास टकरायेगा। इससे वहां बढ़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।

एनडीआरआफ ने इस संबंध में तैयारियां की है और राज्यों में 43 टीमें तैनात भी कर दीं है। इनकी संख्या पहले 53 से बढ़ाकर अब 100 कर दिया गया है। प्रत्येक टीम में 35 से 40 जवान होंगे। खास बात यह है कि एनडीआरएफ की टीम के सभी सदस्यों का टीकाकरण किया जा चुका है और उन्हें सभी उपयुक्त उपकरण दिए जा चुके हैं जिन्हें बचाव कार्यों में इस्तेमाल किया जाएगा।

एनडीआरएफ के महानिदेशक सत्य नारायण प्रधान ने कहा है कि आज ओडिशा और पंजाब से एनडीआरएफ की 13 टीमों को वायुमार्ग से गुजरात भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की 100 टीमों को इस काम में लगाया गया है। 42 टीमें तैनात कर दी गई हैं, 26 टीमें स्टैंडबाय पर हैं और 32 टीमें देशभर में इसके लिए समर्पित रखी गई हैं, जिन्हें तुरंत वायुमार्ग से आपदा सहायता के लिए भेजा जाएगा।

केन्द्र सरकार ने तूफान को लेकर चेतावनी जारी की है और प्रभावित राज्यों के अधिक प्रभावित तटीय क्षेत्रों से तुरंत लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही इन राज्यों में मछली पकड़ने संबंधी सभी गतिविधियों पर तत्काल रोक लगाने को कहा गया है। उत्तरी क्षेत्र में जहां मछुआरे नावों के साथ समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत वापस आने को कहा गया है।

तूफान जैसे-जैसे आगे बढ़ेगा इसकी गति लगातार बढ़ती जाएगी। यह 45-55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजरात तट के नजदीक आते-आते 155-165 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक जाएगा। गुजरात के तटों पर तूफान के चलते 2-3 मीटर ऊंची लहरें आ सकती है।

मौसम विभाग का कहना है कि तूफान से गुजरात के देवभूमि द्वारका, कच्छ, पोरबंदर, जामनगर, गिर और सोमनाथ में नुकसान हो सकता है। यहां बिजली और मोबाइल सेवा प्रभावित होना, पेड़ों का उखड़ना, फसलों को नुकसान हो सकता है। सरकार ने प्रभावित क्षेत्र में लोगों को घरों में ही रहने की सलाह दी है। साथ ही प्रशासन को सलाह दी है कि वह इन क्षेत्रों में आवागमन को लेकर उचित प्रबंधन करें।