नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने आत्मनिर्भरता और रक्षा निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को 108 वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया। इनमें सामान्य पार्ट्स के अलावा कुछ उच्च तकनीक की हथियार प्रणाली भी शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एमडीए के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है।
रक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अब इस सूची में दर्ज सभी 108 वस्तुओं की खरीद स्वदेशी स्रोतों से ही की जाएगी। पिछले साल अगस्त में पहली सूची जारी करके 101 वस्तुओं के आयात पर रोक लगाई गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन और रक्षा क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल 9 अगस्त को 101 सामानों की सूची जारी करके उनके आयात पर रोक लगा दी थी। उस समय भी कहा गया था कि यह सूची सेना की जरूरत के हिसाब से समय-समय पर अपडेट की जाती रहेगी।
जिन सामानों पर आयात प्रतिबंध लगाया गया है उनमें सेंसर, सिमुलेटर, हेलीकॉप्टर, अगली पीढ़ी के कार्वेट, एईडब्ल्यू और सी सिस्टम, टैंक इंजन, एमआरएसएएम आदि मिलाकर 108 आइटम शामिल है। दूसरी सूची में शामिल सामान्य पुर्जों समेत कई हथियार प्रणालियों के आयात पर बैन लगा दिया गया है ताकि घरेलू उत्पादन को बढ़ावा दिया जा सके। सूची को दिसम्बर, 2021 से दिसम्बर, 2025 तक पूरी तरह लागू करने की योजना है।
मंत्रालय का मानना है कि इससे रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के साथ ही स्वदेशी रक्षा वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने का दोहरा उद्देश्य पूरा होगा। रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी) 2020 में दिए गए प्रावधानों के अनुसार सभी 108 वस्तुओं की खरीद अब स्वदेशी स्रोतों से की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय की दूसरी सूची में जटिल प्रणाली, सेंसर, सिम्युलेटर, हथियार और गोला-बारूद, हेलीकॉप्टर, अगली पीढ़ी के कार्वेट, एयर बोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम, टैंक इंजन, पहाड़ों के लिए मध्यम शक्ति रडार, एमआरएसएएम हथियार प्रणाली और कई वस्तुएं शामिल हैं। भारतीय सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने वाले इस तरह के और आइटम इस दूसरी सूची में जोड़े गए हैं।