मथुरा। नयति अस्पताल ने भी मानवता को तार-तार किया है। उपचार के नाम पर लाखों रुपए लेने और मरीज और उसके परिजनों के साथ मनमाने रवैया अपनाने का मामला बुधवार शाम उजागर हुआ है। एक पीड़ित द्वारा प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से की गई शिकायत पर डीएम नवनीत सिंह चहल ने बुधवार शाम जांच के निर्देश दिए हैं और एक जांच समिति भी गठित की है।
मथुरा जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बुधवार को नयति अस्पताल में हुई गड़बड़ी के आरोप की जांच के लिए गठित की समिति में ज्वांइट मजिस्ट्रेट दीक्षा जैन तथा उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आलोक कुमार को रखा है। समिति को निर्देश दिए गए हैं कि वह गुणवत्ता और पारदर्शिता के साथ एक सप्ताह में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
डीएम नवनीत सिंह चहल ने बताया कि एक महिला निर्भी द्वारा ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा को सम्बोधित शिकायती पत्र 11 मई को दिया गया था। जिसमें अवगत कराया गया है कि उनके पति हार्दिक रस्तोगी को उनके द्वारा 27 अप्रैल, 2021 को नयति अस्पताल में भर्ती कराया गया है और इलाज के लिए 06 लाख रूपए की धनराशि अस्पताल में जमा करायी गयी थी। अस्पताल द्वारा उनके पति के उपचार एवं उनकी तबियत के विषय में उन्हें कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं करायी जाती है।
गौरतलब हो कि इसी प्रकार से केडी मेडीकल कालेज द्वारा भी कोरोना के मरीज के परिजनों से साढ़े छह लाख रूपए ऐंठे गए थे, जिसमें डीएम के हस्तक्षेप के बाद तीन लाख वापस किए गए थे। पीड़ित की शिकायत पर डीएम द्वारा विगत दो दिन पहले केडी मेडीकल कालेज पर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की थी।