हरियाणा के करनाल में राज्य सरकार के साथ किसानों की तनातनी अब खत्म हो गई है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत के बाद किसानों का प्रदर्शन खत्म हो गया है। अधिकारियों और किसान नेताओं के बीच बैठक में फैसला हुआ कि हरियाणा सरकार लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम के खिलाफ न्यायिक जांच कराएगी।
इसके साथ-साथ सरकार ने लाठीचार्ज में मृतक किसान सतीश काजल के परिवार से दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। जांच के दौरान एसडीएम को छुट्टी पर भेज दिया गया है। बता दें कि करनाल में लाठीचार्ज का आदेश देने वाले एसडीएम को निलंबित कराने की मांग पर अड़े किसानों से आज हरियाणा सरकार के अधिकारियों ने बातचीत की।
अधिकारियों के साथ बैठक के बाद अपर मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने 28 अगस्त को बसताड़ा टोल घटना की जांच का आदेश दिया। जांच सेवानिवृत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा। जांच को एक महीने में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। इस दौरान पूर्व एसडीएम आयुष सिन्हा छुट्टी पर रहेंगे।
क्यों हो रहा था आंदोलन
28 अगस्त को पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर लाठीचार्ज किया था। पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए करनाल के रायपुर जाटान गांव के किसान सुशील काजल की मौत हो गई थी। इसके विरोध में किसानों ने 7 सितंबर को करनाल अनाज मंडी में महापंचायत की।
30 अगस्त को भाकियू ने घरौंडा अनाज मंडी में महापंचायत करके हरियाणा सरकार से तीन मांगें रखी थीं। साथ ही महापंचायत और लघु सचिवालय का घेराव करने की घोषणा की थी। 6 सितंबर को प्रशासन ने बातचीत के लिए किसानों को बुलाया, लेकिन बात नहीं बनी थी।