नई दिल्ली। चीन के साथ लद्दाख सीमा पर जारी विवाद के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि पिछले साल से जारी गतिरोध के बीच चीन के साथ सैन्य और कूटनीतिक स्तर की कई वार्ताएं हुईं, मगर अबतक कोई सफलता हाथ नहीं लगी है।
उन्होंने कहा संसद में कहा कि बातचीत के दौरान भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए तीन सिद्धांतों को लेकर सुझाव दिया है।
1. दोनों पक्षों द्वारा एलएसी को माना जाए और उसका आदर किया जाए।
2. किसी भी पक्ष द्वारा एकतरफा स्थिति को बदलने का प्रयास न किया जाए।
3. सभी समझौतों का दोनों पक्षों द्वारा पूर्ण रूप से पालन किया जाए।
राज्यसभा में रक्षामंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि एलएसी में बदलाव ना हो और दोनों देशों की सेनाएं अपनी-अपनी जगह पहुंच जाएं। हम अपनी एक इंज जगह भी किसी को नहीं लेने देंगे।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले साल की स्थितियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल और मई में पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चीनी सैनिकों द्वारा भारी मात्रा में गोला-बारूद और शस्त्र इकट्ठा किए गए और जवानों की तैनाती कर रखी है, मगर हमारे भारतीय जवानों ने जवाब दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि एलएसी पर डिसइंगेजमेंट और पहले जैसी स्थिति हो जाए, ताकि शांति स्थापित हो सके।