लद्दाख के बाद सिक्किम में भी चीन के तेवर नरम, नाकुला में सैनिकों की संख्या घटी

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भारत चीन विवाद

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील पर भारतीय सेना और चीनी सेना के संयुक्त प्रयास से स्थिति सामान्य हो रही है। इसका प्रभाव अब सिक्किम के नाकू ला में भी दिखने लगा है। मई 2020 के बाद से ही यहां पर तनाव की स्थिति है। कंचनजंगा चोटी के दक्षिण-पश्चिम में स्थित उत्तर सिक्किम में दोनों सेनाओं के बीच जमकर गोलीबारी हुई थी।

वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के अनुसार, भारतीय सेना के कमांडरों ने नाकू ला में जारी घर्षण का हवाला देते हुए अपने पीएलए समकक्षों के साथ गंभीर अविश्वास का सवाल उठाया था। इसके बाद 10 फरवरी को पैंगोंग त्सो डिसइंगेजमेंट का समझौता हुआ था।

यह पता चला है कि सिर्फ यह साबित करने के लिए कि पीएलए भारतीय सेना के साथ वास्तविक असहमति के लिए प्रतिबद्ध था, एक बटालियन कमांडर ने उसी दिन नकु ला में अपने भारतीय समकक्ष के साथ बैठक की, जिसमें चीनी पक्ष से और कोई बदलाव नहीं करने का आश्वासन दिया।

पीएलए के गश्ती दल ने नकु ला क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की भारतीय धारणा के विपरीत रिज के नीचे आने का प्रयास किया है, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देश की सेनाओं का आमना-सामना हुआ है।