नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम पिछले तीन से चार वर्षों में प्रमुख टूर्नामेंटों में महत्वपूर्ण प्रदर्शन के साथ विश्व स्तर पर तेजी से प्रगति कर रही है। भारत की पूर्व गोलकीपर हेलेन मैरी का मानना है कि रानी की अगुवाई वाली भारतीय टीम टोक्यो में इतिहास रचने को तैयार है।
हेलेन ने कहा,”जिस तरह से भारतीय टीम ने हाल ही में अर्जेंटीना में खेला, वह शानदार था। भले ही वे दुनिया की नंबर 2 टीम के खिलाफ जीत दर्ज नहीं कर सकी, लेकिन जिस शैली में उन्होंने खेला और घरेलू टीम के खिलाफ जो आत्मविश्वास दिखाया, वह मैंने पहले कभी नहीं देखा।”
रियो ओलंपिक से पहले भारतीय महिला टीम के साथ गोलकीपिंग कोच के रूप में काम करने वाली हेलेन ने कहा कि रानी की अगुवाई वाली टीम को सिर्फ अपने खेल को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए और जुलाई में होने वाले खेलों से पहले के हफ्तों में आत्मविश्वास बनाए रखना चाहिए।
हॉकी इंडिया द्वारा ओलंपिक खेलों की अगुवाई में शुरू की गई पॉडकास्ट श्रृंखला “हॉकी ते चर्चा” में हेलेन ने कहा, “जिस तरह से वे हाल ही में अर्जेंटीना और जर्मनी में खेले, मुझे लगता है कि वे 90 प्रतिशत तैयार हैं। मुझे निश्चित रूप से विश्वास है कि वे टोक्यो में इतिहास बना सकते हैं। टोक्यो में तिरंगा लहराएगा।”
उन्होंने कहा,”मैंने उन्हें (रानी एंड कंपनी) इन वर्षों में वास्तव में कड़ी मेहनत करते देखा है और यहां तक कि जब वे ब्रेक पर होते हैं, तब भी मैंने उन्हें अपनी फिटनेस पर लगातार काम करते देखा है। वे बेहद केंद्रित हैं और वे लीड अप में बहुत अच्छा कर रहे हैं। उन्हें मेरी एक ही सलाह है कि सुरक्षित रहें, क्योंकि आप अपने सपने को हासिल करने के बहुत करीब हैं।”
हेलेन ने 1992 में जर्मनी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय हॉकी में पदार्पण किया। एक दशक से अधिक के अपने करियर में हेलेन ने कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में टीम की सफलता में योगदान दिया, जिसमें मैनचेस्टर में 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों में ऐतिहासिक स्वर्ण पदक, 2004 एशिया कप में स्वर्ण, 1998 के एशियाई खेलों में रजत और 2003 के एफ्रो एशियन खेलों में स्वर्ण पदक शामिल है।
वर्तमान भारतीय हॉकी के प्रशिक्षण प्रणाली पर हेलेन ने कहा, “आज की टीमों को कैसे प्रशिक्षित किया जाता है और हम कैसे प्रशिक्षित होते हैं, इसमें बहुत अंतर है। अब उनके पास जो दृष्टिकोण है, वह बहुत वैज्ञानिक है और यह बहुत अच्छा है। टीम के पास एक बड़ा सपोर्ट स्टाफ है जो हर हफ्ते फिटनेस, डाइट, रिकवरी से लेकर वर्कलोड तक हर छोटी-छोटी डिटेल्स को देखता है। सब कुछ पहले से योजनाबद्ध है और प्रत्येक खिलाड़ी की प्रगति को दिन-प्रतिदिन के आधार पर मैप किया जाता है। मुझे कभी-कभी खेद होता है कि जब हम खेलते थे तो हमारे पास इस तरह का व्यवस्थित दृष्टिकोण नहीं था।”
हेलेन ने हॉकी में अपनी यात्रा के बारे में भी खुलकर बात की और देश के कुछ शीर्ष खिलाड़ियों को तैयार करने में दिवंगत महान खिलाड़ी और राष्ट्रीय कोच एमके कौशिक की भूमिका की जमकर तारीफ की। हेलेन ने कहा,”वह हमारे गॉडफादर थे। वह हमारे करियर को ढालने के लिए जिम्मेदार थे। जब हम हॉकी पिच पर कदम रखते थे, तो हमें इतना गर्व महसूस होता था कि कौशिक सर हमें देख रहे थे और उनकी आंखों में हम कभी असफल नहीं हो सकते थे।”