काबुल से लोगों को निकालने के लिए सरकार ने फिर शुरू किया अभियान, 140 हिंदू और सिख फंसे हुए हैं

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अफगानिस्तान में भारतीय नागरिक

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद हजारों हताश लोग देश छोड़कर बाहर जाना चाह रहे हैं। इस बीच इन हताश लोगों को निशाना बनाकर किए गए दो आत्मघाती बम धमाकों के एक दिन बात फिर से निकासी अभियान शुरू हो गया है।

अमेरिका ने कहा है कि देश के सबसे लंबे युद्ध को समाप्त करने के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी की मंगलवार को समय सीमा से पहले और हमले होने की आशंका है।

काबुल के स्थानीय निवासियों के मुताबिक, शुक्रवार को कई विमान उड़ान भर चुके हैं। अफगान और अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, अगस्त 2011 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिए सबसे घातक दिन गुरुवार था।

गुरुवार को काबुल अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास बम धमाकों में कम से कम 60 अफगान नागरिक और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए। इस घटना के लिए जो बाइडन ने इस्लामिक स्टेट समूह के अफगानिस्तान से संबद्ध संगठन को दोषी ठहराया।

इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान से हर भारतीय को निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।

बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद लंबे समय से हालात खराब हैं। देश से बाहर जाने के लिए सिर्फ काबुल एयरपोर्ट ही खुला है। यहां पर भी सिर्फ सैन्य विमान ही उड़ान भर रहे हैं। एयरपोर्ट से सभी व्यावसायिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है।