अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी को पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने बताया कमजोर दिमाग का परिणाम, बाइडन पर जमकर बरसे

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बाइडन पर बरसे ट्रंप

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका के इतिहास में कभी भी युद्ध से वापसी को इतनी बुरी तरह या अक्षमता से अंजाम तक नहीं ले जाया गया, जैसा जो बाइडेन के नेतृत्व में अमेरिका ने अफगानिस्तान से किया है। उन्होंने बाइडन प्रशासन को कमजोर बताया।

ट्रंप ने कहा, “इतिहास में कभी भी युद्ध से वापसी को इतनी बुरी तरह या अक्षम तरीके से नहीं अंजाम तक पहुंचाया गया, जितना कि अफगानिस्तान से बाइडेन प्रशासन ने वापसी की है। तालिबान की अफगानिस्तान की सत्ता में वापसी के साथ अमेरिकी युद्ध का अंत हो गया, जिसे 9/11 के हमलों के कुछ हफ्तों बाद शुरू किया गया था।”

ट्रंप ने कहा, “सभी सैन्य उपकरणों को तुरंत संयुक्त राज्य अमेरिका वापस लाना चाहिए, जो कि करीब 85 बिलियन अमरीकी डॉलर के हैं।” उन्होंने आगे कहा, “अगर इसे वापस नहीं किया जाता है, तो हमें फिर से सैन्य बल के साथ अंदर जाना चाहिए और इसे प्राप्त करना चाहिए। कम से कम बमों को वहां से बाहर निकालना चाहिए। किसी ने कभी भी ऐसी मूर्खता के बारे में नहीं सोचा था।”

ट्रंप के अलावा संयुक्त राष्ट्र में पूर्व शीर्ष अमेरिकी राजनयिक निक्की हेली ने इसे “शर्मनाक वापसी” बताया है। उन्होंने कहा, “जो बाइडेन ने अमेरिकी नागरिकों और अफगान सहयोगियों को एक आतंकवादी सरकार के शासन के भरोसे छोड़ते हुए अफगानिस्तान से अपनी शर्मनाक वापसी पूरी की। अगर उन्हें कुछ भी होता है, तो बाइडेन इसके दोषी होंगे।”

हेली ने कहा, “रूस और चीन न केवल अफगानिस्तान में जो बाइडेन की वापसी का आनंद ले रहे हैं, बल्कि वे इस पल को हथियाने के लिएभी तैयार हैं। जो बाइडेन की विदेश नीति अमेरिका के लिए विनाशकारी हो सकती है।”

बता दें कि अपनी डेडलाइन से पहले ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से सैनिकों की वापसी कर ली है। अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद तालिबान ने जश्न मनाया और हवा में फायरिंग भी की। फिलहाल काबुल एयरपोर्ट तालिबान के कब्जे में आ चुका है।