अविनाशिलिंगम यूनिवर्सिटी के 32वें दीक्षांत समारोह पर डॉ निशंक ने छात्राओं को सफलता के 9 गुरुमंत्र दिए

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केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल 'निशंक'

नई दिल्ली। अविनाशिलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइन्स एंड हायर एडुकेशन फॉर वुमेन, कोयंबटूर के 32वें दीक्षांत समारोह पर छात्राओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने छात्राओं को उनकी डिग्री पूरी करने पर बधाई देते हुए उन्हें सफलता के गुरुमंत्र दिए. उन्होनें छात्राओं से कहा, “मैं आप सबसे निवेदन करूंगा कि आपके संचित ज्ञान को देश के उन कोनों में पहुँचाने का प्रयास करें, अपनी क्षमता को पहचानें एवं नवीनता और सृजनशीलता के साथ सशक्तीकरण की प्रक्रिया में लगे रहे.”

केंद्रीय मंत्री ने डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राओं को बिना डरे आगे बढ़ने को प्रेरित करते हुए कहा, “आप कुछ बातों का पालन कर के जीवन में सफलता प्राप्त कर सकती हैं. पहली यह कि आप यह समझने की कोशिश करें कि आप क्या करने जा रहे हैं, दूसरी यह कि गहराई से विश्लेषण करें कि आप क्या हासिल करना चाहती हैं, तीसरी यह कि फोकस्ड रहे, चौथी यह कि अपना रोल मॉडल ढूंढ लें, पांचवी यह कि अनुभव इकठ्ठा करें, छठवीं यह कि बड़े सपने देखें, सातवीं यह कि गलतियों से सीखें, आठवीं यह कि भगवान पर विश्वास करें और नौवीं यह कि तब तक प्रयास करें जब तक आप सफल ना हो जाएं.”

इस अवसर पर अविनाशिलिंगम इंस्टीट्यूट फॉर होम साइन्स एंड हाइयर एडुकेशन फॉर वुमेन के मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. टी. एस. के मीनाक्षीसुंदरम, कुलाधिपति प्रोफेसर एस.पी. त्यागराजन, कुलपति डॉ. प्रेमावाती विजयन, कुलसचिव डॉ. कौसल्या, परीक्षा नियंत्रक डॉ. मणिमोली, ट्रस्टीज, बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट और अकादमिक काउंसिल के सदस्य, डिग्री प्राप्त करने वाली छात्राएँ और उनके माता पिता उपस्थित थे.

अविनाशिलिंगम इंस्टिट्यूट के बारे में बात करते हुए माननीय मंत्री जी ने कहा कि यह संस्था यूजीसी के एक्ट 1956 के अधीन, अनुभाग 12वीं के तहत मान्यता प्राप्त एवं केंद्रीय सरकार की सहायता प्राप्त एक अनोखी डींड महिला विश्वविद्यालय है जो सामुदायिक विकास के उन्मुख सभी क्षेत्रों की महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत है.

उन्होनें आगे कहा कि यह संस्थान एक बड़े वट वृक्ष के रूप में विकसित हुआ है और वर्तमान में यहाँ पर पीएचडी, एम.फिल, पीजी और यूजी कार्यक्रमों में 8233 छात्राएं पढ़ रही है. इस संस्थान के सात स्कूलों के गृह विज्ञान, भौतिक विज्ञान के तहत 34 विभाग शामिल हैं और कम्प्यूटेशनल विज्ञान, जैव विज्ञान, कला और सामाजिक विज्ञान, वाणिज्य और प्रबंधन, शिक्षा और इंजीनियरिंग के साथ साथ भारतीय संस्कृति और मूल्य की शिक्षा भी दी जाती है.

इस अवसर पर डॉ निशंक ने स्वामी विवेकानंद को याद करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने शिक्षा के नतीजे को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया है कि “हम चाहते हैं कि शिक्षा वही है जिसके द्वारा चरित्र का निर्माण हो, मन की शक्ति बढ़े, बुद्धि का विस्तार हो, और जिसके द्वारा व्यक्ति अपने पैरों पर खड़ा हो सके. इसके अलावा जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होगा, दुनिया का कल्याण नहीं हो सकता. एक पक्षी के लिए एक पंख पर उड़ना संभव नहीं है”.

इसके अलावा माननीय मंत्री जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा के लिए दिए गए प्रावधानों के बारे में भी सभी को बताया और सभी से कहा कि हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से लागू होने वाले शैक्षिक सुधारों में पूरी तरह से शामिल हों.

उन्होनें कहा, “इस नीति को आप सभी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बनने दें और शिक्षा एवं अनुसंधान के गौरव को प्राप्त करने के लिए भारत को एक स्वर्णिम अवसर प्रदान करें और कोरोना महामारी को अपनी शिक्षा के विकास में बाधा न डालने दें.” माननीय मंत्री जी ने भारत सरकार के टीकाकरण अभियान के बारे में भी सभी को बताया और कहा कि इस विशाल टीकाकरण के द्वारा हम बहुत जल्द कोरोना को नियंत्रित कर लेंगें.

इसके अलावा माननीय मंत्री जी ने छात्राओं को प्रेरित करने के लिए कई प्रेरणादायक कहानियां भी सुनाईं सभी प्रेरणादायक व्यक्तियों की कहानियां आपका मनोबल बढ़ाती हैं और आपको भारत के महान नागरिकों के रूप में ढालती हैं.