नई दिल्ली। म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। प्रदर्शन में अब नर्स और बौद्ध भिक्षु भी शामिल हो गए हैं। नई सैन्य सरकार ने इस आंदोलन को कुचलने की धमकी और प्रदर्शनकारियों को गोली मारने की चेतावनी भी दी है।
म्यांमार की सैन्य सरकार ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि वे सड़कों से हट जाएं या बल प्रयोग का सामना करने को तैयार रहें। इसके बावजूद राजधानी नेपीता और यंगून समेत देश के कई हिस्सों में हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए कई जगहों पर पानी की तेज बौछारों का प्रयोग किया गया।
बता दें कि म्यांमार की सेना ने गत एक फरवरी को नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी की सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर काबिज हो गई थी। देश की सर्वोच्च नेता आंग सान सू की और राष्ट्रपति विन म्यिंट सहित कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया था।
खबरों के अनुसार, नेपीता की एक सड़क पर प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए दंगा रोधी पुलिस की तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। इसके बावजूद लगातार तीसरे दिन सोमवार को हजारों प्रदर्शनकारी जमा हुए और तख्तापलट के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस से कहा कि वे सेना नहीं बल्कि जनता के लिए काम करें।
अबतक 165 लोगों को प्रदर्शन करने खिलाफ हिरासत में लिया गया है। इनमें ज्यादातर राजनीतिक लोग हैं। जबकि इनमें ले 13 लोगों को रिहा किया गया है। ऑन सान सू की पर अवैध रूप से संचार उपकरण आयात करने का आरोप लगाया गया है। उन्हें जांच के नाम पर 15 फरवरी तक हिरासत में रखने की बात कही गई है।