नई दिल्ली। जानलेवा डेल्टा वेरिएंट दुनिया के 100 देशों में पहुंच चुका है। यूरोप, अमेरिका समेत अफ्रीका और एशिया के कई देशों में डेल्टा वेरिएंट से जुड़े मामलों की पुष्टि हुई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल्टा वेरिएंट के साथ-साथ लैंम्बडा वेरिएंट भी दुनिया के 31 देशों में दस्तक दे चुका है। हालांकि रूसी एजेंसी तास के हवाले से खबर दी गई है कि रूस की बनाई कोविवैक वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट पर जबरदस्त रूप से प्रभावशाली है।
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल का कहना है कि देश में डेल्टा वैरिएंट का काफी प्रभाव देखा जा रहा है। अमेरिका में आने वाले करीब 52 फीसद मामलों की वजह डेल्टा वैरिएंट ही बताया जा रहा है। हालांकि यहां पर आने वाले कुछ नए मामलों में डेल्टा के अलावा एल्फा, जिसका पहला मामला ब्रिटेन में सामने आया था, देखा गया है।
3 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में सामने आए मामलों में इस वैरिएंट की मौजूदगी करीब 29 फीसद मामलों में दिखाई दी है। सीडीसी का कहना कि अमेरिका में डेल्टा वैरिएंट लगातार अधिक प्रभावी हो रहा है। पिछले दो सप्ताह के दौरान इससे आने वाले मामले करीब दोगुना हो गए हैं। इसके ज्यादातर मामले वहां पर सामने आ रहे हैं जहां पर वैक्सीनेशन की रफ्तार में कमी आई है।
आस्ट्रेलिया में भी डेल्टा वैरिएंट काफी प्रभावी होता दिखाई दे रहा है। यहां के सिडनी और न्यूसाउथ वेल्स में सामने आए नए मामलों ने पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। न्यूसाउथ वेल्स में इस वैरिएंट के बुधवार को 38 मामले सामने आए हैं।