कोलकाता। पश्चिम बंगाल में चक्रवात से पहले राहत और बचाव को लेकर ममता बनर्जी अपनी सरकार की पीठ भले थपथपा रही थीं लेकिन चक्रवात के रौद्र रूप के सामने व्यवस्थाएं बौनी नजर आ रही हैं।
यास चक्रवात के लैंडफॉल की प्रक्रिया एक घंटे पहले शुरू हुई है। अब दक्षिण 24 परगना के गंगा सागर तट पर स्थित ऐतिहासिक कपिल मुनि मंदिर के अंदर समुद्र का पानी प्रवेश कर चुका है। यह काफी ऊंचाई पर स्थित है और इस मंदिर में पानी कभी नहीं घुसता। यहां आसपास रहने वाले लोग पशुओं को लेकर इधर-उधर भागते और जान बचाते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि गंगासागर तट पर स्थित कपिल मुनि मंदिर अपेक्षाकृत ऊंचे स्थान पर है, लेकिन वहां भी समुद्र का पानी पहुंच गया है। गंगासागर में कपिल मुनि मंदिर के नीचे तक समुद्र का पानी पहुंच चुका है।
आज सुबह तक मंदिर में लोग थे। वे मंदिर छोड़ने को तैयार नहीं थे लेकिन धामरा में लैंडफॉल के बाद समुद्र का पानी बढ़ने लगा और गांव दर गांव जलमग्न होने लगे तो प्रशासन ने उन्हें फौरन हटा दिया। समुद्र का पानी इलाके में प्रवेश कर चुका है। कपिल मुनि आश्रम में भी पानी प्रवेश कर चुका है।
प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 20,000 घर पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। काकद्वीप इलाके में समुद्र का पानी प्रवेश कर गया है। जानकारी के अनुसार, मुरीगंगा नदी का तटबंध भी टूट गया है। कई इलाकों में बांध टूटने के कारण समुद्र का पानी घरो में घुस रहा है। लोग अपने घर छोड़कर भागने के लिए विवश हो रहे हैं।