टीकाकरण के बाद 498 प्रतिकूल परिणाम में से खून के थक्के जमने के 26 मामले की हुई पुष्टि

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कोरोना वैक्सीनेशन फॉर 18 प्लस
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नई दिल्ली। कोरोना वैक्सीन लगाए जाने के बाद कुछ लोगों में प्रतिकूल प्रभाव की जांच के लिए गठित राष्ट्रीय कमेटी ने रिपोर्ट जारी कर दी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रतिकूल घटनाओं की जांच के लिए गठित राष्ट्रीय कमेटी (एईएफआई) की डेटा को जारी किया।

रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 498 मामलों की जांच की गई, जिसमें से 26 मामलों में खून के थक्के जमने की पुष्टि हुई है। कोविशील्ड वैक्सीन में 10 लाख लोगों में 0.61 प्रतिशत मामले में खून के थक्के जमने जैसी गंभीर साइड इफेक्ट्स देखने को मिले हैं। वहीं कोवैक्सीन में इस तरह की कोई घटना नहीं हुई है।

एईएफआई द्वारा जारी डाटा के अनुसार, भारत 10 लाख डोज पर 0.61 प्रतिशत मामलों में ही खून के थक्के जमने की घटना सामने आई है। जबकि ब्रिटेन में यह प्रति दस लाख लोगों में 4 और जर्मनी में 10 लाख लोगों पर 10 मामले सामने आए हैं।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में टीकाकरण से हुए साइड इफेक्ट्स की संख्या अन्य देशों की तुलना में बेहद कम है यानि नगण्य है। डेटा के अनुसार, 3 अप्रैल तक कुल 75.43 लाख वैक्सीन डोज दिए गए थे। इसमें कोविशील्ड की 68.6 लाख डोज और कोवैक्सीन की 6.7 लाख डोज शामिल है।

कोविन ऐप पर 684 जिले से 23000 मामले साइड इफेक्ट्स के दर्ज किए गए। इसमें से 700 मामले ही गंभीर साइड इफेक्ट्स वाले पाए गए। इन मामलों में से 498 मामलों की जांच की गई, जिसमें 26 मामले में खून के थक्के जमने की बात सामने आई है।