किन कारणों से देश में तेजी से बढ़ रहा है कोरोना, जानिए असली वजह

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Corona's active cases in India reach over 1.5 lakh

नई दिल्ली। भारत में फिर से कोरोना वायरस का ग्राफ बढ़ने लगा है। कुछ राज्यों में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। वीते दो दिन से देश में 16 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। महामारी से होने वाली मौतों की संख्या भी 100 के पार हो चुकी है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसा जाँच में कमी, नया स्ट्रैन व टीकाकरण में देरी से हो रहे हैं। उनके अनुसार पांच ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से देश में कोरोना महामारी फिर से अपना पांव पसार रहा है।

1. जाँच में कमी हो गई है – भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, सितंबर 2020 में देश हर दिन दस लाख से ज्यादा नमूनों की कोविड-19 जांच की जा रही थी। पर इस साल फरवरी आते-आते देश में जांचे इतनी घट गईं कि हर दिन छह से आठ लाख नमूनों की ही जांच हो रही है।

2. जाँच दर घटने से पॉजिटिव नमूनों में वृद्धि – देश में रोजाना होने वाली कोरोना जांच की दर घट जाने के बावजूद नमूनों के पॉजिटिव होने की दर 5 प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। यह दर्शाता है कि कम जाँच हो रही है लेकिन जितनी भी जाँच हो रही है, उनमें पॉजिटिव केसों की संख्या अधिक निकल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि किसी भी देश की जांच पॉजिटिविटी दर लगातार दो सप्ताह तक पांच प्रतिशत या इससे कम होनी चाहिए तब ही संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सकता है।

3. कोरोना के नए रूपों का असर – भारत सरकार बता चुकी है कि ब्रिटेन में सबसे पहले पहचाने गए वायरस के एक नए संस्करण के देश में 180 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। साथ ही दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैले वायरस के एक और नए संस्करण के भी देश में कई मामले सामने आए हैं।

4. बचाव के तरीकों में लापरवाही – विशेषज्ञ मानते हैं कि दिसंबर-जनवरी में देश में कोरोना संक्रमण घटा, जिसके बाद लोग लापरवाही करने लगे और जांचें भी कम हो गई। इस कारण भी अब देश के महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भारत में संक्रमण घटने के पीछे का एक अहम कारण बहुत बड़ी आबादी के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी विकसित हो जाना रहा होगा।

5. आबादी से हिसाब से धीमा टीकाकरण – ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, भारत प्रति सौ लोगों में मात्र एक को टीका लगा रहा। जबकि ब्रिटेन में हर सौ लोगों पर 27 और अमेरिका 19 लोगों को टीका लग रहा है। भारत का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है, जिसमें वह काफी पीछे है। अभी तक देश में कुल 1,34,72,643 लोगों को ही टीका लगा है जबकि मार्च के अंत तक देश में 3 करोड़ को टीका लगना है।