उत्तराखंड रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ अनुबंध करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। उत्तराखंड में रोपवे निर्माण के लिए सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार को नोडल विभाग बनाया गया है। रोपवे निर्माण के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से डीपीआर तैयार कर काम शुरू किया जाएगा।
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु की मौजूदगी में उत्तराखंड पर्यटन की ओर से युगल किशोर पंत अपर सचिव पर्यटन एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद तथा सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एनएचएलएमएल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रकाश गौड़ ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए रोपवे यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए एक प्रदूषण मुक्त यातायात का प्रमुख साधन बनेगा। उत्तराखंड में विभिन्न धार्मिक एवं साहसिक पर्यटन गंतव्यों तक अधिक से अधिक पर्यटकों व श्रद्धालुओं को सुगमतापूर्वक पहुंचाने और पर्यटकों का गमनागमन वर्षभर किए जाने के उद्देश्य से राज्य सरकार के पर्यटन विभाग तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के मध्य एमओयू शुक्रवार को हस्ताक्षरित किया।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की नियंत्रणाधीन नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के द्वारा प्रथम चरण में प्रदेश के सात रोपवे केदारनाथ रोपवे, नैनीताल रोपवे, हेमकुंड साहिब रोपवे, पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप तथा ऋषिकेश से नीलकंठ महादेव तक सात रोपवे के डीपीआर गठन एवं निर्माण की कार्यवाही राज्य सरकार के साथ मिलकर की जाएगी।
इन रोपवे के निर्माण से केदारनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे कई किलोमीटर पैदल मार्ग वाले स्थानों तक भी लोग आसानी से पहुंच सकेंगे। इसका सीधा लाभ महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों को मिलेगा।
केदारनाथ एवं हेमकुंड साहिब जैसे धार्मिक स्थलों पर लंबी पैदल यात्रा कर पहुंचा जाता है। इसमें अधिक समय लगने के साथ ही महिलाओं, बुजुर्गों तथा बच्चों को यात्रा के दौरान अनेक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। रोपवे निर्माण हो जाने के फलस्वरूप सभी प्रकार के पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं को इन धार्मिक यात्राओं को आसानी से कम समय में पूरा कर दर्शन का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा रोपवे की फिजिबिलिटी डीपीआर एवं निर्माण के लिए अनुबंध हस्ताक्षरित किया गया है। इससे पहले पर्यटन विभाग मसूरी, पुर्णागिरी और सुरकंडा देवी रोपवे को पीपीई मोड पर बनाने एवं संचालित किए जाने के लिए कार्यवाही की गई है। इसमें से सुरकंडा देवी रोपवे का संचालन इस वर्ष के अंत में शुरू कर दिया जाएगा।