बिहार में सेनारी नरसंहार के 13 दोषियों को हाईकोर्ट ने किया बरी

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सेनारी नरसंहार

पटना। बिहार के सेनारी में 1999 में हुए बहुचर्चित नरसंहार मामले में पटना उच्च न्यायालय ने 13 दोषियों को आज बरी कर दिया। इन सभी को दोषी मानते हुए निचली अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

हाईकोर्ट में शुक्रवार को अश्वनी कुमार सिंह और जस्टिस अरविंद श्रीवास्तव की खंडपीठ ने बहुचर्चित सेनारी नरसंहार के सभी 13 दोषियों को बरी कर दिया। इस मामले में लंबे समय से सुनवाई चल रही थी। न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को रद्द करते हुए सभी 13 दोषियों को तुरंत रिहा करने का भी आदेश दिया है।

क्या था निचली अदालत का फैसला 

वर्ष 2016 में बिहार में जहानाबाद के सेनारी नरसंहार कांड की सुनवाई करते हुए जिला अदालत ने 17 साल बाद फैसला सुनाते हुए 10 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 34 लोगों के इस बहुचर्चित नरसंहार कांड के तीन दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई थी और उन पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

निचली अदालत ने फैसले में इस नरसंहार में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया था। इस केस के कुल 70 आरोपितों में से चार की मौत हो चुकी है। 2016 में निचली अदालत पहले ही 20 आरोपितों को बरी कर चुकी थी।

उल्लेखनीय है कि 18 मार्च 1999 की रात सेनारी गांव में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन एमसीसी के सैकड़ों लोग घुसे। गांव को चारों ओर से घेर लिया। घरों से खींच-खींच कर पुरुषों को बाहर किया गया। सभी को तीन समूहों में बांट दिया गया और सभी की हत्या कर दी गई।