केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फनगर में एक महापंचायत का आयोजन किया है। इससे पहले भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल होंगे।
राकेश टिकैत ने योगी सरकार और प्रशासन को चुनौती देते हुए कहा कि महापंचायत के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या को बताना असंभव है। लेकिन मैं वादा कर सकता हूं कि लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे। किसानों को महापंचायत तक पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता। अगर वे हमें रोकते हैं, तो हम बैरियर तोड़ते हुए पहुंचेंगे।
बताया जा रहा है कि पंजाब से लगभग 2000 किसान मुजफ्फनगर पहुंचने वाले हैं। वहीं दिल्ली की सीमाओं पर स्थित धरना स्थलों 500 किसान इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे। किसान टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से बसों में शिफ्ट में निकल रहे हैं। शुक्रवार की रात धरना स्थलों से दो बसें मुजफ्फरनगर के लिए रवाना हो चुकी हैं।
हालांकि राकेश टिकैत का कहना है कि लोग मुख्य रूप से गांवों से आ रहे हैं। हरियाणा, महाराष्ट्र और भारत के अन्य हिस्सों के किसानों के भी इसमें शामिल होने की उम्मीद है। किसानों को मुजफ्फरनगर पहुंचाने के लिए कुल 500 बसें किराए पर ली गई हैं।
एसकेएम ने मुजफ्फरनगर महापंचायत में ‘मिशन यूपी’ की घोषणा करने की योजना बनाई है और इसका लक्ष्य पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर लामबंदी करना है।
राकेश टिकैत ने कहा, ‘यह महापंचायत सिर्फ चुनाव से नहीं जुड़ी है। छह महीने बाद चुनाव है। यूपी में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यूपी में बिजली की दरें भी सबसे ज्यादा हैं। 2016 के बाद से गन्ने की कीमत नहीं बढ़ी है। केंद्र ने इसे पांच रुपये पांच पैसे प्रति किलोग्राम बढ़ा दिया है। क्या आप किसानों का अपमान कर रहे हैं?”