नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को मशहूर पर्यावरणविद और चिपको आंदोलन के प्रणेता सुंदरलाल बहुगुणा के निधन को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक गौरवशाली अध्याय का अंत करार दिया है। बहुगुणा ने आज ऋषिकेश एम्स में अंतिम सांस ली। वह 94 वर्ष के थे।
राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट कर कहा, सुंदरलाल बहुगुणा का निधन संरक्षण के क्षेत्र में एक गौरवशाली अध्याय का अंत है। ‘पद्म विभूषण’ पुरस्कार से सम्मानित वह (बहुगुणा) मूल रूप से एक गांधीवादी थे। अपने आप में एक किंवदंती, उन्होंने संरक्षण को एक जन आंदोलन बना दिया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा, सुंदरलाल बहुगुणा के निधन के समाचार से दुख हुआ। एक प्रमुख पर्यावरणविद् और चिपको आंदोलन के नेता के रूप में, हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण के लिए उनके अथक प्रयासों ने उन्हें वैश्विक पहचान दिलाई और उन्हें लंबे समय तक याद किया जाएगा।
उन्होंने कहा, बहुगुणा के प्रयासों ने पर्यावरणविदों की एक पीढ़ी को जन्म दिया है और भविष्य में भी अनेक लोगों को प्रेरित करेंगे। पारिस्थितिकी हमारी स्थायी अर्थव्यवस्था है। उनके इस विचार के अनुसार यदि हम जीने का प्रयास करें को यह उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी। उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ओम शांति।