नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में सांसदों को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में किसान आंदोलन, सीमा विवाद, सीमा तनाव, कृषि समस्याएं, कोरोना महामारी, कोरोना वैक्सीनेशन, लोकतंत्र और देश के लोगों के लोकतांत्रिक भरोसे इत्यादि बातों पर जवाब दिया।
अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने तंज कसते हुए किसान आंदोलन में शामिल बाहरी पर कहा कि श्रमजीवी और बुद्धिजीवियों के बीच एक नई जमात अब सामने आ रही है जिसका नाम है आंदोलनजीवी। ये छात्रों के आंदोलन में, किसानों के आंदोलन में, हर जगह पहुंच जाते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग खुद का कुछ खड़ा कर नहीं पाते हैं, लेकिन दूसरों के खड़े किए चीजों में शामिल होकर लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। विदेशी समर्थकों पर पीएम मोदी ने कहा कि आजकल देश को दूसरे तरह की एफडीआई यानी फॉरेन डिस्ट्रक्टिव आइडियोलॉजी से बचने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी पड़ोसी देश ने सीमा पर तनाव पैदा करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। लेकिन हमारे जवानों ने इसका डटकर मुकाबला किया और कड़ा जवाब भी दिया।
पीएम मोदी ने सदन में किसान आंदोलन पर कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है। होनी भी चाहिए, लेकिन ज्यादा से ज्यादा समय जो बातें बताई गई, वो आंदोलन के संबंध में बताई गई। लेकिन आंदोलन किस बात को लेकर हो रहा है, ये किसी ने नहीं बताया।