नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर फटने के बाद हुए हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद अभी भी 200 से ज्यादा लोगों के लापता होने की सूचना है। आपदा से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट और एनटीपीसी प्रोजेक्ट को भारी नुकसान हुआ है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी तपोवन पहुंचकर हालात का जायजा लिया।
बचाव कार्य में भारतीय वायुसेना ने भी अपने हेलिकॉप्टर और एयरक्राफ्ट को लगा दिया है।
Live Update –
ग्लेशियर टूटने से हुए नुकसान को हम अब कम करने का प्रयास कर रहे हैं। बहुत सारे लोग इसमें लापता हुए हैं। NTPC डैम में काम कर रहे लोग लापता हुए हैं और डैम को भारी नुकसान हुआ है: मनोज रावत, ADG
अब तक हमने 18 शव बरामद किए हैं और लापता लोगों की संख्या 202 है। हमने टनल में 80 मीटर तक मलबा हटा दिया है, आगे हमारी मशीनें लगी हुई हैं और हमें शाम तक कुछ सफलता मिलने की उम्मीद है: अशोक कुमार, उत्तराखंड के डीजीपी
रविवार को सुरंग से निकाले गए 12 लोगों का इलाज कराया गया, अब उनकी हालत स्थिर है: मेजर इकजोत सिंह, आर्मी मेडिकल टीम
बड़ी टनल को 70-80 मीटर खोला गया है, जेसीबी से मलबा निकाल रहे हैं। यहां कल से 30-40 कर्मी फंसे हुए हैं। आईटीबीपी, उत्तराखंड पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना यहां संयुक्त ऑपरेशन कर रही है।
ग्लेशियर टूटने से रैणी पावर प्रोजेक्ट पूरा बह गया और तपोवन भी क्षतिग्रस्त हुआ। पहले प्रोजेक्ट से 32 लोग लापता हैं और दूसरे प्रोजेक्ट से 121 लोग लापता हैं।
एनडीआरएफ के साठ जवानों की एक टुकड़ी पहले ही सड़क मार्ग से चमोली रवाना हो चुकी है। एसडीआरएफ के मुताबिक ग्लेशियर टूटने की घटना रविवार सुबह 10: 50 बजे जोशीमठ से करीब 15 किमी की दूरी पर स्थित रेणी गांव के करीब हुई। ग्लेशियर के टूटने से ऋषिगंगा प्रोजेक्ट क्षतिग्रस्त हो गया।