भारत में 100 करोड़ वैक्सीन की खुराक पूरे होने के अवसर पर पीएम मोदी ने राष्ट्र को संबोधित किया। राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘नमस्कार, मेरे प्यारे देशवासियों 21 अक्टूबर को भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन खुराक देने का कठिन, लेकिन असाधारण लक्ष्य हासिल किया। यह 130 करोड़ भारतीयों के एकीकृत प्रयासों से संभव हुआ है। मैं इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अपने नागरिकों को बधाई देता हूं।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘100 करोड़ वैक्सीन की खुराक सिर्फ एक संख्या नहीं है, बल्कि एक राष्ट्र के रूप में हमारी क्षमता को दर्शाती है। यह नए भारत को चित्रित करता है जो कठिन लक्ष्य निर्धारित करना और उन्हें प्राप्त करना जानता है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे देश ने एक तरफ कर्तव्य का पालन किया, तो दूसरी तरफ उसे सफलता भी मिली। कल भारत ने 100 करोड़ वैक्सीन डोज का कठिन लेकिन असाधारण लक्ष्य प्राप्त किया है। 100 करोड़ वैक्सीन डोज केवल एक आंकड़ा ही नहीं, ये देश के सामर्थ्य का प्रतिबिंब भी है। इतिहास के नए अध्याय की रचना है। ये उस नए भारत की तस्वीर है, जो कठिन लक्ष्य निर्धारित कर, उन्हें हासिल करना जानता है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘आज कई लोग भारत के वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तुलना दुनिया के दूसरे देशों से कर रहे हैं। भारत ने जिस तेजी से 100 करोड़ का यानी 1 बिलियन का आंकड़ा पार किया, उसकी सराहना भी हो रही है। लेकिन, इस विश्लेषण में एक बात अक्सर छूट जाती है कि हमने ये शुरुआत कहां से की। दुनिया के दूसरे बड़े देशों के लिए वैक्सीन पर रिसर्च करना, वैक्सीन खोजना, इसमें दशकों से उनकी expertise थी। भारत, अधिकतर इन देशों की बनाई वैक्सीन्स पर ही निर्भर रहता था।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘जब 100 साल की सबसे बड़ी महामारी आई, तो भारत पर सवाल उठने लगे। क्या भारत इस वैश्विक महामारी से लड़ पाएगा? भारत दूसरे देशों से इतनी वैक्सीन खरीदने का पैसा कहां से लाएगा? भारत को वैक्सीन कब मिलेगी? भारत के लोगों को वैक्सीन मिलेगी भी या नहीं? क्या भारत इतने लोगों को टीका लगा पाएगा कि महामारी को फैलने से रोक सके? भांति-भांति के सवाल थे, लेकिन आज ये 100 करोड़ वैक्सीन डोज, हर सवाल का जवाब दे रही है।’
पीएम मोदी ने कहा, ‘सबको साथ लेकर देश ने ‘सबको वैक्सीन-मुफ्त वैक्सीन’ का अभियान शुरू किया। गरीब-अमीर, गांव-शहर, दूर-सुदूर, देश का एक ही मंत्र रहा कि अगर बीमारी भेदभाव नहीं करती, तो वैक्सीन में भी भेदभाव नहीं हो सकता। ये सुनिश्चित किया गया कि वैक्सीनेशन अभियान पर वीआईपी कल्चर हावी न हो। भारत ने अपने नागरिकों को 100 करोड़ वैक्सीन डोज लगाई है और वो भी बिना पैसा लिए। 100 करोड़ वैक्सीन डोज का एक प्रभाव ये भी होगा कि अब दुनिया भारत को कोरोना से ज्यादा सुरक्षित मानेगी।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘यह हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत का टीकाकरण कार्यक्रम science-born, science-driven और science-based रहा है। टीकों के विकास से लेकर टीकाकरण तक, विज्ञान सभी प्रक्रियाओं का आधार रहा है।
उन्होंने कहा कि हमने महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई जन भागीदारी को अपनी पहली ताकत बनाया। देश ने अपनी एकजुटता को ऊर्जा देने के लिए ताली, थाली बजाई, दीए जलाए तब कुछ लोगों ने कहा था कि क्या इससे बीमारी भाग जाएगी? लेकिन हम सभी को उसमें देश की एकता दिखी, सामूहिक शक्ति का जागरण दिखा।’