आपदा में कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें राज्य : प्रधानमंत्री मोदी

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कोरोना में कालाबाजारी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 को सदी के अदृश्य दुश्मन की संज्ञा देते हुए एक बार फिर देशवासियों से कोरोना का टीका लगवाने की अपील की है। संकट के समय में दवाओं और जरूरी सामान की जमाखोरी और कालाबाजारी को मानवता के खिलाफ बताते हुए उन्होंने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करने का आग्रह किया है।

पीएम मोदी शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत देश के 9.5 करोड़ किसानों के खातों में 8वीं किस्त के तौर पर 20,667 करोड़ रुपये की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित करने के बाद किसानों को संबोधित कर रहे थे।

पीएम मोदी ने कहा कि इसका लाभ करीब-करीब 10 करोड़ किसानों को होगा। बंगाल के किसानों को पहली बार इस सुविधा का लाभ मिलना शुरू हुआ है। उन्होंने कोरोना के कारण जान गंवाने वालों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “बीते कुछ समय से जो कष्ट देशवासियो ने सहा है,अनेकों लोग जिस दर्द से गुजरे हैं, तकलीफ से गुजरे हैं वो मैं भी उतना ही महसूस कर रहा हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें मिलकर ये निरंतर प्रयास कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा देशवासियों को तेज़ी से टीका लग पाए। देशभर में अभी तक करीब 18 करोड़ वैक्सीन डोज दी जा चुकी है। उन्होंने कहा, देशभर के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त टीकाकरण किया जा रहा है। इसलिए जब भी आपकी बारी आए तो टीका ज़रूर लगाएं। ये टीका हमें कोरोना के विरुद्ध सुरक्षा कवच देगा, गंभीर बीमारी की आशंका को कम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि खेती में नए समाधान, नए विकल्प देने के लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। जैविक खेती को बढ़ावा देना ऐसे ही प्रयास हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की मुश्किल चुनौतियों के बीच जहां किसानों ने कृषि और बागवानी में रिकॉर्ड उत्पादन किया है, वहीं सरकार भी हर साल एमएसपी पर खरीद के नए रिकॉर्ड बना रही है। पहले धान की और अब गेहूं की भी रिकॉर्ड खरीद हो रही है। इस वर्ष, अभी तक बीते वर्ष की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक गेहूं एमएसपी पर खरीदा जा चुका है। अभी तक गेहूं की खरीद का लगभग 58 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के खाते में पहुंच चुका है।

उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि पंजाब और हरियाणा के लाखों किसान डायरेक्ट ट्रांसफर की इस सुविधा से जुड़े हैं। अभी तक पंजाब के किसानों के बैंक खातों में करीब 18,000 करोड़ रुपये और हरियाणा के किसानों के बैंक खातों में करीब 9,000 करोड़ रुपये सीधे जमा हो चुके हैं।